चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार द्वारा सरप्लस गेस्ट टीचरों को हटाने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। बर्खास्त गेस्ट टीचरों ने अपनी याचिका में कहा है कि उनको सरप्लस बताकर हटाना गलत है। इसलिए उनकी सेवा समाप्त करने के आदेश को रद किया जाए। संभवत यह याचिका एक-दो दिन में सुनवाई के लिए बेंच के सामने सूचीबद्ध हो। इससे पहले भी 28 मई को सरप्लस गेस्ट टीचरों ने एकल बेंच के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। जस्टिस सूर्यकांत पर आधारित खंडपीठ ने इन टीचरों की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि सरकार द्वारा उनकी सेवा को समाप्त करने के बाद ही वे डिविजन बेंच में अपील दायर कर सकते हैं। हाई कोर्ट ने गेस्ट टीचर की सेवा नियमित रखने पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि सरकार पुरानी हों या नई, सभी अपने वोट बैंक के चक्कर में शिक्षा का स्तर गिराने में लगे हैं। हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट आदेश दे चुके हैं कि नियमित भर्ती के बाद इन गेस्ट टीचर को हटाया जाए लेकिन सरकार ने कोर्ट में चार साल पहले शेड्यूल निर्धारित होने के बाद भी अभी तक भर्ती नहीं की। सरकार हाई कोर्ट में बार-बार गलत जानकारी देकर नियमित भर्ती को लटकाने के चक्कर में रहती है ताकि गेस्ट काम करते रहे। बेंच ने इस मामले को राजनीतिक रूप देने पर कड़ा रवैया अपनाते हुए कहा कि अगर कोर्ट न हो राजनेता और अफसरशाही अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कर सकते हैं। dj
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