सिरसा : प्रदेश के विभिन्न जिलों के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को स्कूल प्राध्यापकों के पद पर पदोन्नति के लिए केस भेजने को लेकर प्रदेश के आधे जिलों के अधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहे। शिक्षा निदेशालय के आदेश के बावजूद अभी तक करीब आठ जिलों के अधिकारियों ने पदोन्नति केस नहीं भेजे हैं। अब शिक्षा निदेशालय ने उक्त अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए पत्र जारी किया। इतना ही नहीं अब विशेष वाहक के माध्यम से केस भेजने के निर्देश भी जारी हुए हैं।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभिन्न जिलों में प्राध्यापकों के पद पर पदोन्नति को लेकर शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को 19 जून को पत्र भेजा। पत्र में कहा गया कि योग्य मास्टर, मिस्ट्रेस व सीएंडवी अध्यापकों के केस भेजे जाए। पदोन्नति मामले के साथ संबंधित अपेक्षित दस्तावेज 23 जून तक हर अवस्था में निदेशालय को भेजने के स्पष्ट आदेश जारी किए गए थे। इतना ही नहीं पत्र में कहा गया था कि यदि कोई केस रह गया तो इसके लिए संबंधित कर्मचारी, अधीक्षक तथा जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
हालांकि सूची भी निदेशालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई। लेकिन इसके बावजूद भी करीब 8 जिलों से कोई केस नहीं भेजा गया। सूत्र बताते हैं कि केवल 13 जिलों से निर्धारित समय अवधि में केस भेजे गए हैं।
हम तो पहले ही भेज चुके हैं केस
‘विभाग की ओर से पत्र आने के तुरंत बाद हमने काम किया और केस भी भेज दिए हैं। हम पूरी इमानदारी से काम करते हैं और समय पर ही खत्म भी कर लेते हैं। इसलिए हमारी तरफ से कोई लेटलतीफी नहीं हुई। निर्धारित समयावधि के बीच ही केस भेजे जा चुके हैं।’-- सुरेश कुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, सिरसा dj
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