महेन्द्रगढ़ : हरियाणा के बर्खास्त अतिथि अध्यापकों ने अपने महापड़ाव के चौथे दिन शनिवार को फैसला लिया कि वे गांव-गांव और गली-गली में जाकर सरकार के खिलाफ पोल खोलो अभियान चलायेंगे। इसकी शुरुआत शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के विधानसभा क्षेत्र महेन्द्रगढ़ से की जायेगी। इसके लिये 2 हजार सीडी तैयार कराई गई हैं वहीं 50 हजार पेम्फलेट भी छपवाये हैं, जिनको घर-घर जाकर बांटा जायेगा।
अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र शास्त्री व प्रदेश प्रवक्ता अजय लोहान ने कहा कि भाजपा नेताओं ने विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें स्थाई करने का झूठा आश्वासन देकर उनके वोट हासिल कर लिए लेकिन अब सरकार अपने वादे से पीछे हट गई। लोगों को इसी सच्चाई से अवगत कराने के लिए उन्हाेंने यह अभियान शुरू करने का फैसला लिया है।
बर्खास्त अतिथि अध्यापकों ने अपनी बात को आज फिर दोहराया कि वे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को काला दिवस के रूप में मनायेंगे। इसके लिये उन्होंने काले झण्डे तैयार करवाये हैं जो धरना स्थल के चारों ओर गाड़ कर विरोध जतायेंगे। अध्यापक नेताओं ने घोषणा की कि वे बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के विरोध में प्रचार करेंगे।
महेन्द्रगढ़ ही क्यों बना रण क्षेत्र:
बर्खास्त अतिथि अध्यापकों ने अपने अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए महेन्द्रगढ़ को ही क्यों चुना, इसके अनेक कयास लगाये जा रहे हैं। भाजपा समर्थकों का कहना है कि आंदोलन में राजनीति की बू साफ झलक रही है। अध्यापक संघ के नेताओं ने केवल शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा को ही निशाने पर रखा है। उनका कहना है कि अध्यापकों को हाईकोर्ट के आदेश पर बर्खास्त किया गया है ऐसे में कोई एक नेता इसके लिये जिम्मेदार नहीं हो सकता। ऐसे में भाजपा समर्थकों का कहना है कि इस आंदोलन के पीछे प्रो. शर्मा के राजनीतिक विरोधियों के हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। ‘पोल खोलो' अभियान की शुरुआत महेन्द्रगढ़ से कर भाजपा समर्थकों के अनुमान को और भी बल दे दिया है। dt
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