जींद : एक तरफ जहां सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम को लेकर सरकारी तंत्र की ओर से शिक्षकों को कोसने का काम जा रहा है और प्रदेश के मुखिया तक परीक्षा परिणाम को लेकर बयान दे चुके हैं, वहीं सूचना के अधिकार के तहत 12वीं कक्षा के हाल ही में जारी हुए परीक्षा परिणाम में टॉप टेन अच्छे स्कूलों में से सबसे अधिक सरकारी स्कूलों ने बाजी मारी। जबकि टॉप टेन खराब परीक्षा परिणाम में निजी स्कूलों की संख्या ज्यादा रही है। ऐसे में इस सूचना ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों की नाक कुछ हद तक ऊंची कर दी है।1हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वजीर सिंह ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से हाल ही में घोषित किए गए बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम से संबंधित सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। इसमें उसने प्रदेश के सबसे अच्छे परीक्षा परिणाम वाले टाप टेन स्कूलों तथा प्रदेश के सबसे खराब परीक्षा परिणाम वाले टाप टेन स्कूलों की सूची मांगी थी। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने जो सूची जारी की, वह चौंकाने वाली थी।
प्रदेश के सबसे अच्छे टाप टेन स्कूलों में सबसे अधिक संख्या सरकारी स्कूलों की थी जबकि सबसे खराब परीक्षा परिणाम में निजी स्कूलों की संख्या सबसे अच्छी रही। प्रदेश के सबसे बढ़ियां परीक्षा परिणाम देने वालों की संख्या में दस में से नौ सरकारी स्कूल मिले जबकि निज स्कूल की संख्या मात्र एक ही रही। इसी प्रकार से सबसे खराब परीक्षा परिणाम वाले स्कूलों की संख्या में सरकारी स्कूलों की चार रही जबकि निजी स्कूलों की संख्या छह रही। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वजीर सिंह का कहना है कि सरकारी स्कूलों को बदनाम जानबुझकर किया जा रहा है। बोर्ड से मिली सूचना के अनुसार प्रदेश में सबसे अच्छा परीक्षा परिणाम देने वाले स्कूलों में सबसे अधिक सरकारी स्कूल है जबकि निजी स्कूल केवल एक ही है। ऐसे में सरकारी स्कूलों को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.