भिवानी : देशभर में इंजीनियरिंग स्नातक की पढ़ाई करके स्कूलों में शिक्षक अध्यापन कार्य करवाने वालों का सपना अब महज सपना नहीं रहेगा, क्योंकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने टीचिंग क्षेत्र के लिए इंजीनियरिंग स्नातकों को भी बीएड शिक्षा के क्षेत्र में स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश की पात्रता दी है।1 एनसीटीई की इस पहल से उच्च तकनीकी शिक्षा में पढ़ाई करके इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले युवा भी स्कूलों में शिक्षक अध्यापन का कार्य करवा सकेंगे। कहीं न कहीं उक्त व्यवस्था से भविष्य में रसायनशास्त्र, गणित व भौतिक विषयों में शिक्षकों की कमी दूर होगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। इससे पहले केवल बीए, बी-कॉम व बीएससी समेत इनके अनुगामी विषयों में स्नातक छात्र-छात्रओं को ही बैचलर ऑफ एजुकेशन बीएड के पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्रता दी गई थी। पर इंजीनियरिंग स्नातकों को भी एक जुलाई से यह पात्रता मिलेगी। इसको लेकर एनसीटीई द्वारा बीएड कॉलेजों में एक पत्र भेजा गया है। पत्र के मिलते ही कॉलेजों ने यह जानकारी सूचना पट्ट पर दर्शाई है। इंजीनियरिंग स्नातकों द्वारा लंबे समय से बीएड पाठ्यक्रम में उन्हें पात्रता दिए जाने की गुहार लगाई जा रही थी। इससे अब इंजीनियरिंग स्नातकों के अध्यापन के क्षेत्र में करियर बनाने द्वार खुल गए है। वहीं इंजीनियरिंग में छात्र-छात्रओं द्वारा किया गया क्रियेटिव वर्क स्कूल के बच्चों के लिए मददगार होगा।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के सहायक सचिव डॉ. अनिल शुक्ला का कहना है कि बीटेक में स्नातक की डिग्री प्राप्त कर चुके इंजीनियरिंग ग्रेज्युएट्स को भी बीएड की शिक्षा प्राप्त करने की पात्रता दी है। एनसीटीई द्वारा सकरुलर भेजकर कॉलेजों को अवगत करवाया गया है। वह कहते हैं कि स्कूलों में लंबे समय से चली आ रही शिक्षकों की कमी दूर करने के साथ-साथ स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता का सुधार आएगा। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.