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Wednesday, 3 June 2015

सेमेस्टर सिस्टम खत्म : शिक्षा क्षेत्र में एक और प्रयोग

नौवीं से बारहवीं कक्षाओं की परीक्षा में सेमेस्टर सिस्टम खत्म करके शिक्षा विभाग ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाना चाहती है। हरियाणा शिक्षा बोर्ड के दसवीं और बारहवीं कक्षा के बदतर परीक्षा परिणामों से हर तरफ चिंता, निराशा व्याप्त है। स्थिति को सुखद बनाने के लिए इसके लिए बड़े पैमाने पर उपायों,सुधारों की जरूरत है। संभवत: विभाग ने सेमेस्टर सिस्टम खत्म करने का निर्णय भी इसी उद्देश्य से लिया पर गंभीर चिंतन का विषय यह है कि क्या एक और प्रयोग से शिक्षा क्षेत्र का रूप बदला जाना संभव है? हरियाणा में शिक्षा क्षेत्र प्रयोगशाला का रूप ले चुका है। पहले आठवीं को शिक्षा बोर्ड से मुक्त करने, फिर शिक्षा का अधिकार कानून और नियम 134 ए लागू करने, उसके बाद सेमेस्टर सिस्टम अमल में लाते समय यह मंथन नहीं किया गया कि इन उपायों, प्रयोगों से शिक्षा क्षेत्र का कायाकल्प होगा या दुश्वारियां बढ़ेंगी? बिंदु दर बिंदु पड़ताल की जाए तो सरकार और शिक्षा विभाग हर प्रयोग की विफलता को स्वीकार करते हुए कटघरे में खड़े नजर आएंगे। मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री सार्वजनिक आयोजनों में कह रहे हैं कि शिक्षा का अधिकार कानून से शिक्षा आधार खोखला हो गया है, आठवीं तक परीक्षा न करवाने का प्रावधान बदला जाएगा। आठवीं कक्षा की परीक्षा को फिर शिक्षा बोर्ड के तहत करने की तैयारी पूरी कर ली गई है, संभवत: अगले शिक्षा सत्र से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। नियम 134 ए पर सरकार की ढुलमुल नीति कोर्ट के अंदर और बाहर स्पष्ट हो चुकी, हजारों गरीब बच्चों का एक और शिक्षा सत्र बेकार जाने की आशंका बन गई है। अब रही बात सेमेस्टर सिस्टम की, सरकार को जांच करनी चाहिए कि इसे लागू करते वक्त जो उद्देश्य तय किए गए थे, उनके पूरे न होने के लिए कौन जिम्मेदार हैं? चूंकि सरकार सेमेस्टर सिस्टम पर यू टर्न लेना चाहती है, इसका सीधा अर्थ है कि वह इसकी विफलता को स्वीकार कर चुकी। क्या गारंटी है कि परीक्षा पद्धति को वार्षिक बनाने से परिणाम बेहतर होंगे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा? क्या यह माना जाए कि पिछली गलतियों से शिक्षा विभाग ने सबक लिया है और अब नई व्यवस्था में खामी नहीं आने दी जाएगी? सरकार को विशुद्ध रूप से तार्किक, व्यावहारिक उपायों पर गंभीर चिंतन-मनन करना होगा तभी परिणाम बेहतर बनाए जा सकते हैं, शिक्षा का अपेक्षित स्तर प्राप्त करना संभव है। प्रयोगों का सिलसिला तत्काल बंद होना चाहिए।                                                                                       djedtrl

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