चंडीगढ़ : हरियाणा में आठ हजार लेक्चर्स (पीजीटी) की भर्ती में एमए के साथ
बीएड अनिवार्य कर दिए जाने से करीब 70 हजार आवेदक फार्म भरने से वंचित रहने
वाले हैं। प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित इस शर्त से लेक्चर्स के लिए लाइन
में लगे हजारों युवाओं में आक्रोश बन गया। उन्होंने हरियाणा कर्मचारी चयन
आयोग के चेयरमैन और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
प्रदेश में आठ हजार लेक्चर्स की भर्ती के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख
12 अक्टूबर है। अभी तक लेक्चर्स के पद के लिए एमए में 50 प्रतिशत अंक और
एचटेट परीक्षा में भी इतने ही प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता थी। पिछली सरकार
ने 2012 में नियमों में बदलाव करते हुए एमए के साथ बीएड अनिवार्य कर दिया
और 15 हजार लेक्चर्स की भर्ती निकाली। पिछली सरकार में हुए इस बदलाव पर
खूब हो हल्ला मचा, जिसके बाद राज्य सरकार ने आवेदन करने वालों को 2018 तक
बीएड करते हुए अपनी डिग्री जमा कराने की छूट प्रदान कर दी। अब भाजपा सरकार
के निर्देश पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 8 हजार लेक्चर्स की भर्ती
प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन आयोग ने पिछली हुड्डा सरकार की तर्ज पर
लेक्चर्स के पदों के लिए एमए के साथ बीएड भी अनिवार्य कर दिया है, जिससे
आवेदकों में आक्रोश बना हुआ है। शिक्षक नेता धर्मवीर कौशिक के अनुसार अब
इसी साल से बीएड दो साल की हो गई। आवेदक एक साल पहले ही लेट चल रहे हैं।
किसी का रिजल्ट आना बाकी है तो कोई दूसरे साल की बीएड की तैयारी में लगा
हुआ है। dj
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