हिसार : 2009 से ही पदोन्नति पर अघोषित रोक के
खिलाफ शिक्षकों का गुस्सा फूटने लगा है। अब जेबीटी शिक्षक आंदोलन की राह पर
उतरने की तैयारी करने लगे हैं। इसके लिए जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी। शिक्षा विभाग में जेबीटी वर्षो से पदोन्नति की राह जोह रहे हैं। समय से
पदोन्नति नहीं मिलने के कारण उनका मनोबल टूटने लगा है। जेबीटी शिक्षकों की
मानें तो पदोन्नति किसी भी कर्मचारी का संवैधानिक हक होता है लेकिन शिक्षा
विभाग की कारगुजारियों व पिछली सरकार की इच्छाशक्ति की कमी के चलते जेबीटी
एकमात्र ऐसा कर्मचारी वर्ग बन चुका है, जो इसी पद पर भर्ती होकर बिना
पदोन्नति रिटायर्ड होने को मजबूर हैं। 12009 से ही अघोषित रोक1जहां 2009 से
अघोषित रूप से विभाग ने हेड टीचर प्रमोशन पर रोक लगा रखी है, वहीं एक
आरटीआइ के जवाब में विभाग लिखित में मान चुका है कि हेड टीचर के प्रमोशन पर
कोई रोक नहीं है।
"जेबीटी शिक्षकों की पदोन्नति होती है तो
जेबीटी के रिक्त पदों पर जहां नवचयनित जेबीटी शिक्षकों की नियुक्तियां
आसानी से होगी, वहीं उच्च योग्यता प्राप्त हजारों शिक्षकों को उनकी मेहनत व
संवैधानिक हक भी मिल सकेगा।"-- सुनील बास, महासचिव राजकीय प्राथमिक शिक्षक
संघ’। dj
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