** दिल्ली सरकार से कहा, किसी भी स्कूल में वर्दी या किताबें बेचने की आड़ में व्यावसायिक क्रियाकलाप न होने पाए
नई दिल्ली : दिल्ली के स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें नो प्रॉफिट-नो लॉस
के आधार पर ही बेची जाएं। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार से
यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्कूल में वर्दी या
किताबें बेचने की आड़ में व्यावसायिक क्रियाकलाप न होने पाए। जस्टिस
इंदरजीत कौर की बेंच ने सरकार से कहा कि वह यह देखें कि स्कूलों में
एनसीईआरटी की किताबें केवल नो प्रॉफिट- नो लॉस ही बेची जाएं।
ऑल इंडिया
स्कूल वेंडर एसोसिएशन के वकील ने विरोध करते हुए कहा कि स्कूलों में स्थित
दुकानें अभिभावकों और बच्चों के फायदे के लिए हैं और यहां पर नियमों के
अनुसार ही किताबें व अन्य सामान बेचे जाते हैं। इस पर याचिकाकर्ता के वकील
ने एक प्राइवेट स्कूल द्वारा जारी दुकान के लिए 20 लाख का टेंडर दिखाते हुए
कोर्ट को बताया कि स्कूलों में दुकान के नाम पर व्यवसायिक गतिविधियां
संचालित की जा रही है। स्कूल अभिभावकों को महंगा सामान बेचकर चूना लगा रहे
हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार यह देखें कि अभिभावकों का किसी प्रकार भी
शोषण ना हो और सरकार से सस्ती दरों पर ली गई स्कूलों की जमीनों पर किसी
प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि न हो।
याचिका पेरेंटस स्टूडेंट वेलफेयर
एसोसिएशन की तरफ से हरिशंकर शर्मा व रमेश वशिष्ठ ने दायर की है। याची के
अनुसार दिल्ली के स्कूलों में धड़ल्ले व्यावसायिक गतिविधियां हो रहीं हैं।
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