चंडीगढ़ : सरकारी विभागों में निचले स्तर की भर्तियों में साक्षात्कार खत्म
करने के बाद अब प्रदेश सरकार ने अनुबंध आधार की नियुक्तियों में भी
इंटरव्यू सिस्टम खत्म कर दिया है। इन नियुक्तियों की पूरी पावर
विभागाध्यक्षों के पास होगी। इसके लिए आउटसोर्सिग पॉलिसी-2 में बदलाव किया
गया है।
अभी तक विभागाध्यक्ष स्वीकृत पदों पर एक साल के लिए अनुबंध आधार
पर कर्मचारियों की भर्ती कर सकते थे। मगर इसके लिए साक्षात्कार जरूरी था।
वहीं, दो साल के लिए स्वीकृत नियमित पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग से
मंजूरी लेनी पड़ती थी। अब नई
पॉलिसी के मुताबिक अनुबंधित पदों पर किसी भी विभाग का मुखिया
बगैर किसी साक्षात्कार के भर्तियां कर सकता है।
ठेका प्रथा को बढ़ावा :
लांबा
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि चुनावी
घोषणा पत्र में सरकार ने विभागों में ठेका प्रणाली को खत्म करने का वादा
किया था। इसके उलट कर्मियों के शोषण के नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं।
आउटसोसिर्ंग पॉलिसी में लगे सभी मौजूदा कर्मियों को नियमित कर भविष्य में
स्थायी भर्तियां ही की जाएं। साक्षात्कार खत्म करने के बाद आउटसोर्सिग पर
भर्तियों की प्रक्रिया क्या होगी।
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