चंडीगढ़ : दिनोंदिन सर्द होते मौसम के बीच कर्मचारियों के तेवर गर्म होने लगे
हैं। अपनी मांगें मनवाने को अलग-अलग लड़ते रहे विभिन्न महकमों के कच्चे और
पक्के कर्मचारी अब मिलकर मोर्चा खोलेंगे। खासकर अतिथि अध्यापक, नियुक्ति
का इंतजार कर रहे जेबीटी शिक्षक, कंप्यूटर टीचर्स और मिनिस्ट्रीयल स्टाफ
सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए हाथ मिलाए
हैं। रविवार 10 दिसंबर को कुरुक्षेत्र से एक साथ आंदोलन का आगाज होगा।
इसके लिए अभी से रणनीति बनाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पूरे प्रदेश में
करीब एक लाख 60 हजार से ज्यादा कच्चे कर्मचारी हैं। इनका आरोप है कि चुनाव
घोषणा पत्र में उन्हें पक्का करने सहित कई तरह के वादे करने वाली भाजपा
वादाखिलाफी कर रही है। मांगें मनवाने के तमाम प्रयास नाकाम होने के बाद
रणनीति में बदलाव किया गया है। कुरुक्षेत्र में सभी कर्मचारी संगठनों के
प्रधान और अन्य पदाधिकारी मिल कर गुरिल्ला तकनीक पर आगे की लड़ाई का फैसला
लेंगे। फिर भी बात नहीं बनी तो देशभर के सात लाख कच्चे कर्मचारियों को साथ
लेकर दिल्ली में धरना-प्रदर्शनों का दौर शुरू होगा।
अतिथि अध्यापक संघ के
राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि सरकार की वादाखिलाफी का खामियाजा सभी
विभागों के कच्चे कर्मचारी भुगत रहे हैं। इसलिए आर-पार की लड़ाई लड़ने के
लिए सभी कर्मचारी संगठन एक मंच पर आने को तैयार हुए। 10 दिसंबर को सभी
संगठनों के मुखिया कुरुक्षेत्र में जमा होंगे और एक मंच पर आकर मांगें
मनवाने की रणनीति बनाएंगे। सामूहिक आंदोलन के जरिये मांगें मनवा कर
रहेंगे।
एनआरएचएम कर्मी आज से हड़ताल पर : मांगें पूरी नहीं होने से खफा
एनआरएचएम कर्मचारी मंगलवार और बुधवार को हड़ताल पर रहेंगे। वहीं, सरकार से
हुए समझौते के लागू नहीं होने पर रोडवेज कर्मचारी यूनियनें फिर एक मंच पर आ
गई हैं।
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