नई दिल्ली: विश्वविद्यालय या कोई भी संस्थान अब अपनी मर्जी से कोई भी कोर्स
नहीं शुरू कर सकेंगे। इन्हें किसी कोर्स को चालू करने से पहले
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मंजूरी लेनी होगी। यूजीसी ने
विश्वविद्यालयों या उच्च शिक्षण संस्थानों में बगैर मंजूरी के चल रहे ऐसे
सभी कोर्सो को अमान्य करार देते हुए इन्हें तत्काल बंद करने की सलाह दी है।
यूजीसी ने हाल ही में कुछ चुनिंदा विश्वविद्यालय और डीम्ड संस्थानों की
कराई गोपनीय जांच की रिपोर्ट सामने आने के बाद यह निर्देश दिया है। इसमें
पता चला है कि देश के कई विश्वविद्यालयों और संस्थानों में यूजीसी की
मंजूरी बिना भी कुछ कोर्सो का संचालन किया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो
यूजीसी ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है। हालांकि यूजीसी सख्ती दिखाती,
इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने चार डीम्ड संस्थानों के इंजीनियरिंग कोर्स
को अवैध ठहराते हुए उनकी सभी डिग्रियों को अमान्य करार दे दिया था। ये
संस्थान यूजीसी की अनुमति बगैर दूरस्थ शिक्षा के तहत इंजीनियरिंग कोर्स को
चला रहे थे। इसके बाद यूजीसी में हड़कंप मच गया। इसी बीच यूजीसी के सामने
अंबेडकर विश्वविद्यालय में संचालित हो रहे कुछ ऐसे कोर्सो की रिपोर्ट भी
सामने आई। इस पर यूजीसी ने देश भर के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी
कर बिना मंजूरी संचालित किए जा रहे कोर्सो को तत्काल बंद करने को कहा है।
यूजीसी ने यह सख्ती तब दिखाई है, जब सरकार भी उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को
सुधारने के लिए पूरी शिद्दत से जुटी है। इस दौरान संस्थानों को ऐसे
पाठ्यक्रम शुरू करने की भी सलाह दी जा रही है, जो छात्रों के भविष्य
निर्माण में सहायक हो। यूजीसी ने हाल ही में देश भर के करीब दर्जन भर
विश्वविद्यालयों का आडिट कराया है। इसमें बीएचयू, अलीगढ़ मुस्लिम
यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय
सागर जैसे कई विश्वविद्यालय शामिल है।
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