** नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांगा जवाब
** उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर लगाया शिक्षा में सुधार के बजाय राजनीति करने का आरोप
नई दिल्ली : दिल्ली में सरकारी स्कूलों की बदहाली को लेकर विपक्ष सरकार पर
लगातार हमला बोल रही है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र
गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खुला पत्र लिखकर शिक्षा की
बदहाली पर जवाब देने की मांग की है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
पर इसे लेकर दिल्ली को गुमराह करने का भी आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि
उपमुख्यमंत्री (जिनके पास शिक्षा मंत्रलय भी है) शिक्षा के स्तर को
सुधारने के बजाए इस संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं। गुप्ता ने
लिखा कि शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के आधार पर उन्होंने
शिक्षा की बदहाली का मुद्दा उठाया था। उम्मीद थी कि सरकार गंभीरता के साथ
इस मुद्दे पर जवाब देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सिसोदिया के पास इसका कोई
जवाब नहीं है। वह दूसरे राज्यों की शिक्षा व्यवस्था पर बयान दे रहे हैं।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सफल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या में
गिरावट आई है। एक ही इमारत में ढाई-ढाई घंटे के हिसाब से चार पालियों में
स्कूल चलाए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री स्कूलों की इमारत के लिए जगह की कमी
का बहाना बनाते हैं जबकि दिल्ली सरकार के पास 29 खाली भूखंड उपलब्ध हैं।
सरकार स्कूलों में आठ हजार से अधिक कमरे बनाने का दावा कर रही है, लेकिन
अधिकांश कमरे अस्थाई हैं। दिल्ली के स्कूलों में प्रधानाचार्यो के 75 फीसद
पद और अध्यापकों के 27 हजार पद खाली हैं। इसके बावजूद अधिकांश
प्रधानाचार्यो व अध्यापकांे को शिक्षा निदेशालय में प्रशासनिक कार्यो के
लिए भेजा गया है। इससे शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए
मुख्यमंत्री को इन मुद्दों पर जवाब देना चाहिए।
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