अम्बाला : मार्च में सरकारी स्कूलों में होने वाले
फाइनल एग्जाम को लेकर शिक्षा विभाग अलर्ट हो गया है। टीचर्स की छुट्टी के
कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई खराब हो, इसके लिए शिक्षा विभाग ने जनवरी से
मार्च तक महिला टीचर्स को मिलने वाली चाइल्ड केयर लीव को रोक दिया गया है।
विभाग
के निर्देशानुसार जनवरी से मार्च तक किसी भी महिला टीचर्स को चाइल्ड केयर
लीव नहीं मिलेगी। खास बात यह है कि सभी ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ऑफिसों में
चाइल्ड केयर लीव को लेकर कई महिला टीचर्स ने आवेदन भी किया है, मगर अब इनके
आवेदन विभाग द्वारा रोक दिए गए हैं। दूसरी तरफ 24 दिसंबर से 8 जनवरी तक
स्कूलों में विंटर वोकेशन होंगी। इनके खत्म होते ही ज्यादातर टीचर्स सीसीएल
लेना चाहती हैं मगर उन टीचर्स को लीव विभाग द्वारा नहीं दी जाएगी। वहीं,
इमरजेंसी मेडिकल इंटेंशन होने पर चाइल्ड के लिए विभाग छुट्टी अलाउड करेगा।
उसमें भी टीचर्स सीसीएल को छोड़कर अन्य लीव ले सकेंगी। गुरुवार को शिक्षा
विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डाॅ. केके खंडेलवाल ने जिला शिक्षा
अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए। जनवरी से मार्च तक सीसीएल लेने के
लिए विभाग की जानकारी में ऐसे कई मामले सामने रहे थे जिन्हें लेकर विभाग
ने यह कदम उठाया है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार महिला कर्मचारी
चाइल्ड केयर लीव तीन महीने से लेकर दो साल तक के लिए मिलती है। दो साल की
चाइल्ड केयर लीव 730 दिन की होती है। अगर एक महिला टीचर्स दो साल तक चाइल्ड
केयर लीव पर जाती है तो उसकी जगह विभाग नियमानुसार रिटायर्ड टीचर
रिइंपलिमेंट किया जाता है, जबकि तीन महीने की छुट्टी जाने पर टीचर नहीं
लगाया जा सकता। टीचर्स के छुट्टी जाने से स्कूलों में विद्यार्थियों की
पढ़ाई खराब होती है। जनवरी से लेकर मार्च तक पढ़ाई का सबसे अहम समय होता
है, इसलिए विभाग ने जनवरी से लेकर मार्च तक टीचर्स की सीसीएल रोकी है।
दिसंबर में हर ब्लॉक ऑफिस पर 7 से 8 केस सीसीएल के पहुंच चुके हैं। ऐसे में
जिलास्तर पर यह आंकड़ा 35 से 40 टीचर्स से ज्यादा तक पहुंच जाता है।
पहले ही स्कूलों में स्टाफ की कमी
सरकार द्वारा
पिछले महीनों में स्कूलों में जेबीटी को नियुक्ति दी गई है। इन जेबीटी के
स्कूलों में पहुंचने पर फाइनल एग्जाम तक विद्यार्थियों की पढ़ाई सुधरेगी।
इसके बावजूद अभी भी कई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें टीचर्स की कमी है। कक्षा छठी
से बारहवीं तक भी कई विषयों के टीचर्स के पद रिक्त पड़े हैं। स्कूलों में
कक्षाओं की संख्या ज्यादा है और टीचर्स कम। स्कूलों में विद्यार्थियों की
पढ़ाई में सुधार हो, इसके मद्देनजर विभाग ने बच्चों के भविष्य को देखते हुए
जनवरी से मार्च तक सीसीएल रोकी है।
"विभाग द्वारा विद्यार्थियों के
हित में यह निर्णय लिया गया है। अगर किसी स्कूल में एग्जाम के दौरान कोई
टीचर छुट्टी पर होता है तो विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान होता है। इस
संबंध में विभाग द्वारा जारी किया गया पत्र मिल चुका है। विभाग द्वारा
जनवरी से मार्च तक महिला टीचर्स की सीसीएल रोक दी गई हैं"-- सुधीरकालड़ा,
बीईओ, अम्बाला ब्लॉक वन।
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