नई दिल्ली : निजी इंजीनियरिंग कालेजों की तेजी से बढ़ती संख्या पर अब
फिलहाल लगाम लगेगी। सरकार ने निजी इंजीनियरिंग कालेजों को खोलने और बंद
करने की प्रक्रिया में जल्द ही बड़े बदलाव करने के संकेत दिए है। इसके तहत
निजी इंजीनियरिंग कालेजों को खोलने या बंद करने के लिए अब राज्यों की
अनुमति अनिवार्य होगी। अभी तक सिर्फ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद(
एआईसीटीई) से अनुमति लेनी होती है। वर्ष 2016-17 की रिपोर्ट के मुताबिक देश
में मौजूदा समय में करीब 2980 निजी इंजीनियरिंग कालेज मौजूद है। 1 वर्ष
2016-17 की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में इंजीनियरिंग की कुल स्वीकृत
सीटों में से करीब 54 फीसदी सीटें खाली रह गई थी। इनमें उत्तर प्रदेश की
करीब 68 फीसदी, मध्य प्रदेश की करीब 60 फीसदी, छत्तीसगढ़ की करीब 65 फीसदी
और बिहार की करीब 58 फीसदी इंजीनियरिंग की सीटें खाली हर गई थी। इसके चलते
कई राज्यों में इंजीनियरिंग कालेज तेजी से बंद भी होने लगे थे। इसका दंश
ङोल रहे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश समेत कुछ राज्यों ने
एआईसीटीई को पत्र लिखकर यह मांग की थी, उनके यहां कोई नया इंजीनियरिंग
कालेज न खोला जाए।
.

Breaking News
News Update:
*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.