** रिक्त पदों को भरने की मांग भेजते समय शर्तो की देनी होगी जानकारी
चंडीगढ़ : कर्मचारी चयन आयोग की ओर से भर्ती कर्मचारियों को नियुक्ति देने
में विभागों की आनाकानी पर सरकार सख्त हो गई है। हाई कोर्ट में लगातार
पहुंच रहे मामलों पर संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों को
आयोग के पास रिक्त पदों को भरने की मांग भेजते समय सभी शर्तो की लिखित
जानकारी देने की हिदायत दी है।
पिछले तीन वषों के दौरान कर्मचारी चयन आयोग
ने पुलिस महकमे के साथ ही शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और राजस्व विभाग
में कई रिक्त पदों के लिए आवेदन मांगकर साक्षात्कार की प्रक्रिया को पूरा
किया। इसके बावजूद कई विभागों में आज तक हजारों कर्मचारी ड्यूटी नहीं संभाल
पाए। इसकी बड़ी वजह विभागों द्वारा नियुक्तियों के बाद अनुभव प्रमाणपत्र
सहित कई अन्य शर्ते थोपना है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में नियुक्तियों
के मामले अदालतों में विचाराधीन हैं।
राजस्व विभाग में पटवारियों की
नियुक्ति को करीब एक साल हो चुका, लेकिन उनका प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू
नहीं हो सका है। इसके लिए अफसरशाही में तालमेल की कमी को जिम्मेदार मानते
हुए मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं कि कर्मचारी
चयन आयोग को अपनी मांग सावधानीपूर्वक भेजें। यदि कोई संशय हो तो आयोग
आवश्यक योग्यता वाले पदों का विज्ञापन देने से पूर्व संबंधित विभाग से
स्थिति को स्पष्ट करवाए।
अनुभव प्रमाणपत्र पर लगती हैं आपत्तियां
विभागों द्वारा रिक्त पदों पर
भर्ती के लिए कर्मचारी चयन आयोग को मांग पत्र भेजा जाता है। सेवा नियमों के
अनुसार कुछ पदों के लिए आवश्यक योग्यता के साथ अनुभव की कुछ शतेर्ं भी
होती हैं। आयोग मांगपत्र में दी गई सूचना की जांच करने के उपरांत सफल
उम्मीदवारों का चयन कर संबंधित विभाग को इनकी सिफारिश करता है। नियुक्ति
पत्र जारी करने से पूर्व विभाग द्वारा दस्तावेज प्रमाणीकरण किए जाते हैं।
इसी दौरान अनुभव प्रमाणपत्र पर आपत्तियां लगती हैं। अनुभव प्रमाणपत्र के
विभागीय सेवा नियमों के अनुसार नहीं होने का हवाला देते हुए सिफारिश आयोग
को वापस भेज दी जाती है। नतीजतन आवेदक कोर्ट में चले जाते हैं और मामला उलझ
जाता है।
ढेसी
ने जारी किया निर्देश तय होगी जवाबदेही
मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सभी
प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडल आयुक्तों और उपायुक्तों तथा हाई
कोर्ट के रजिस्ट्रार को लिखित निर्देश दिया है कि विभाग अपनी मांग भेजने से
पहले सभी पहलुओं की गहनता से जांच करे। कर्मचारी चयन आयोग के अधिकारियों
से विचार-विमर्श करके ही अपने विभाग में रिक्त पदों का मांग पत्र तैयार
किया जाए। इन निर्देशों के बाद भी अगर आयोग द्वारा की जाने वाली कोई
नियुक्ति अदालती विवादों में घिरी तो इसकी जिम्मेदारी विभागीय अफसरों की
होगी।
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