फरीदाबाद : हरियाणा शिक्षा बोर्ड के परीक्षा परिणाम में सरकारी स्कूलों की
खराब स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने एक बार फिर नया प्रयोग किया है।
इसके तहत स्कूलों में होने वाले मासिक टेस्ट की रिपोर्ट का मूल्यांकन करने
के साथ बच्चों के व्यवहार की भी काउंसलिंग की जाएगी। जिससे जानकारी मिल सके
कि पढ़ाई से दूरी बनाने की असल वजह क्या है। इसे सक्षम योजना का नाम दिया
गया है। प्रथम नाम की एक संस्था प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक स्तर
को लेकर असर नामक रिपोर्ट प्रदेश सरकार के सामने पेश की थी। इसके मुताबिक
सरकारी स्कूलों की शिक्षा का स्तर बहुत खराब है और बच्चे वर्तमान कक्षा
(जिस कक्षा में वह शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं) उसके योग्य नहीं है। उन्हें
अपने से छोटी कक्षा के विषय संबंधी आवश्यक जानकारी नहीं है। प्रथम संस्था
की रिपोर्ट के बाद सरकार ने सक्षम योजना की शुरुआत की। इसमें मासिक टेस्ट
की रिपोर्ट के मूल्यांकन के साथ बच्चों के व्यवहार की काउंसिलिंग को भी
शामिल किया गया। योजना के पहले चरण में कक्षा पहली से अाठवीं तक के बच्चों
को शामिल किया गया है। स्कूलों में होने वाली मासिक परीक्षाओं के आधार पर
रिपोर्ट तैयार की जाएगी कि छात्र किस विषय में कमजोर है। मासिक टेस्ट में
किन विषयों में उसके लगातार कम अंक रहे हैं। उन विषयों पर अलग से क्लास
देकर उनकी तैयारी कराई जाएगी। काउंसलिंग के दौरान स्टूडेंट्स से पसंदीदा
विषय पूछा जाएगा।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.