नई दिल्ली: फेल न करने की नीति को लेकर हाई कोर्ट ने नगर निगमों को जवाब
देने का आखिरी मौका दिया है। कोर्ट ने नगर निगमों को तीन सप्ताह में जवाब
दाखिल करने का आदेश दिया। अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी। कार्यवाहक मुख्य
न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने बार-बार आदेश के बावजूद
जवाब न देने पर सभी निगमों पर 2500-2500 रुपये का जुर्माना भी लगाया। फेल न
करने की नीति को लेकर गैर सरकारी संस्था सेंटर फॉर सिविक सोसाइटी की ओर से
दायर याचिका में कहा गया है कि इस नीति के कारण 70 फीसद बच्चे हंिदूी व
अंग्रेजी पढ़ने में सक्षम नहीं हैं। एनजीओ प्रथम द्वारा 2014 में किए गए
अध्ययन के अनुसार निगम व सरकारी स्कूलों में सातवीं व आठवीं के 62 फीसद
बच्चे अंग्रेजी का एक वाक्य नहीं पढ़ सका। याची ने शिक्षा के अधिकार की
धारा-16 को लागू किए जाने की मांग की।
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