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Tuesday, 5 December 2017

शिक्षकों को आउटऑफ लर्निंग के तहत दिया टारगेट

** शिक्षा सुधार योजना : राजकीय स्कूल के अध्यापकों को अलग-अलग विषय के अंक रिजल्ट में दर्शाने होंगे, रिपोर्ट तैयार कर पैरेंट्स को दी जाएगी 
** नियम : पहले 33 फीसदी मार्क्स के बीच कितने बच्चे रहे यह दर्शना होता था 
सोनीपत : विद्यार्थियों को पढ़ाई के प्रति गंभीर और शिक्षकों को अपने कार्य के प्रति जिम्मेदार बनाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने एक नई कवायद शुरू की है। जिसके तहत सक्षम योजना के लिए शिक्षकों को आउट ऑफ लर्निंग के तहत टारगेट दिया जाएगा। वहीं ढीली कार्य व्यवस्था अपनाने वाले शिक्षकों से जवाब तलबी होगी। विभागीय जानकारी के अनुसार राजकीय प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में छात्रों के फाइनल एग्जाम का रिजल्ट सब्जेक्ट वाइज जारी करना होगा। इसके बाद अलग-अलग विषयों के अंकों का प्रतिशत निकालना होगा। 
यहहै शिक्षा विभाग की योजना : 
विभागने सक्षम योजना के लिए शिक्षकों को आउट ऑफ लर्निंग के तहत टारगेट दिया है कि क्लास के 80 प्रतिशत बच्चों के 80 प्रतिशत मार्क्स जरूर हों। अब तक शिक्षक केवल ओवर ऑल पर्सेंटेज दिखाकर अपनी खानापूर्ति कर लेते थे, लेकिन अब जितने सब्जेक्ट होंगे, उनके अंक दिखाने होंगे। साथ ही पूरे वर्ष में हुई मासिक परीक्षाओं का अंक भी दिखाना होंगे। यह फाइनल रिपोर्ट पैरेंट्स को दी जाएगी, जिससे पैरंट्स अपने बच्चे की वर्ष भर की मूल्यांकन रिपोर्ट देख पाएंगे। 
विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को भी करनी होगी मेहनत
 
"विद्यार्थियों के साथ अब शिक्षकों को भी मेहनत करनी होगी। इस बार परिणाम को दिखाने का तरीका भी बदलना होगा। वहीं बच्चों पर ज्यादा ध्यान देना होगा और परिणाम को बेहतर करने के लिए नियमों का पालन भी करना होगा।"-- दयानंद आंतिल,जिलामौलिक शिक्षा अधिकारी। 
शिक्षक वर्ग है इसलिए परेशान
 
शिक्षकों का कहना है कि मौजूदा शैक्षणिक सत्र शैक्षणिक से ज्यादा अन्य गतिविधियों के कारण प्रभावित रहा है। इसमें पढ़ाने से कहीं ज्यादा अन्य गतिविधियों में टीचरों की ड्यूटी लगी है। एक अप्रैल से 248 दिन की पढ़ाई में से अब तक करीब 140 दिन खाली ही बीते हैं। क्योंकि इस दौरान जहां 57 दिन की ग्रीष्मकालीन अवकाश में बीते हैं तो वहीं 35 रविवार 22 धार्मिक कार्यक्रमों के तहत अवकाश रहे। स्कूल से लेकर राज्य स्तर तक एक से 25 जून तक स्वर्ण जयंती उत्सव के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। 15 से 30 नवंबर तक टीचरों की बीएलओ के रूप में ड्यूटी लगाई गई। सितंबर महीने में दीन दयाल उपाध्याय से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। 
हर सप्ताह होंगे टैस्ट
शिक्षक अतुल ने बताया कि हर सप्ताह विद्यार्थियों के टैस्ट लिए जाएंगे। जिसमें पाठ्यक्रम के अलावा भी सवाल लिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त इनके पेपर दूसरे टीचर जाचेंगे। इससे किसी के प्रति भेदभाव जैसी स्थिति भी नहीं रहेगी।
बच्चों को मंथली असेसमेंट टैस्ट, खेलकूद अटेंडेंस समेत अन्य एक्टिविटी के अंक 20-20 अंक में से दिए जाते हैं। जबकि 60 नंबर का टैस्ट मार्च में होता है। रिजल्ट तैयार करते समय यह दर्शाया जाता है कि 33 फीसदी मार्क्स के बीच कितने बच्चे रहे। इसी प्रकार 34-50, 51 से 75 और 76 से 100 मार्क्स कितने बच्चों ने प्राप्त किए, लेकिन अब 80 फीसदी बच्चों के 80 फीसदी अंक अवश्य आने चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा होने के बाद से बच्चों के परिणाम में लगातार सुधार आएगा। कमजोर बच्चे बेहतर कर पाएंगे।



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