राजधानी हरियाणा : विद्यार्थियों की साल भर की मेहनत के
बाद होने वाली परीक्षा की कॉपियों की जांच कैसे की जा रही है, इसका खुलासा
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से रेंडम आधार पर की गई जांच में हुआ
है। एक-एक अंक से जहां बच्चे मेरिट पाने से वंचित रह जाते हैं, वहीं यहां
तो प्रश्नों को बिना जांचें ही केवल अंक जोड़ दिए बल्कि प्रश्नों के तय
अंकों से ज्यादा भी दे दिए। शिक्षकों ने प्रश्नों में दिए अंकों के योग में
भी गलती की है।
नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों की 2100 कॉपियों की हुई
जांच में करीब 18 फीसदी कॉपियों में शिक्षकों ने जांचने में गड़बड़ी की है तो
11वीं कक्षा की इतनी ही कॉपियों की जांच में 10 फीसदी में गलती मिली है।
बोर्ड की ओर से मार्च, 2017 में हुई परीक्षा के बाद सभी जिलों से रेंडम के
आधार पर कक्षा नौवीं और 11वीं की 1000-1000 उत्तर पुस्तिका मंगवाई और उसमें
से नौवीं की 2100 और 11वीं की 2103 कॉपियों की जांच की गई। जिसमें यह सब
सामने आया है। बोर्ड सचिव धीरेंद्र खड़गटा ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को
भेजे पत्र में स्पष्ट लिखा है कि उक्त जांच रिपोर्ट से यह साफ हो रहा है
कि विद्यालय स्तर पर इन परीक्षाओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। साथ
ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि भविष्य में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में
त्रुटियां पाई गई तो संबंधित शिक्षक के खिलाफ शिक्षा विभाग के निदेशक को
कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक राजीव
रत्तन ने बताया कि हां, ऐसी शिकायतें रही हैं। इसे लेकर संबंधित शिक्षक को
चार्जशीट करने के साथ चेतावनी भी दी गई है। आगे भी कोई ऐसी गलती करता है तो
उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जानिए…कितनी कॉपियों में ...क्या मिली खामियां
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कक्षा-9वीं
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