भिवानी : यदि किसी छात्र को 100 अंकों में से 105 अंक मिल जाए या फिर सवाल
लिखने पर भी अंक दे दिए जाए। यही नहीं छात्र अपनी मनमर्जी से सवाल व जवाब
लिखे और फिर भी उसे पास कर दिया जाए। यह कोरी कल्पना नहीं, बल्कि शिक्षा
विभाग की ओर से नौवीं व ग्यारहवीं की फरवरी व मार्च 2017 में ली गई वार्षिक
परीक्षा में तो इसी तरह की अंधेरगर्दी की गई थी।
शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने
उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करवाई तो ये गड़बड़ी पकड़ी गई। अब बोर्ड प्रशासन
ने प्रदेश के हर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी
गठित कर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की
प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोर्ड प्रशासन ने इस संबंध में विभाग के निदेशक
को भी पत्र लिखा है। रैंडम चेकिंग में खुलासा हुआ है कि दोनों ही कक्षाओं
में 35 उत्तर पुस्तिकाएं ऐसी थी, जिनके
सवाल शिक्षा बोर्ड के प्रश्न पत्र से नहीं मिल रहे थे और बोर्ड के प्रश्न
पत्रों
का उपयोग ही नहीं किया गया। 19
उत्तर पुस्तिकाओं में निर्धारित अंकों से ज्यादा अंक दे डाले। 258
उत्तर पुस्तिकाओं में सवालों के
भी नंबर दिए हुए थे। 276 उतरपुस्तिकाओं में दिए गए नंबरों का जोड़ ही गलत
था।
कैसे हुआ खुलासा
नौवीं एवं बारहवीं कक्षा की वार्षिक
परीक्षाओं का आयोजन हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा स्कूल स्तर पर
करवाया जाता है। इन परीक्षाओं की तिथि व प्रश्न पत्र बोर्ड द्वारा तैयार
करवाए जाते हैं। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने
प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से सभी जिलों से दोनों
कक्षाओं की 1000-1000 उत्तरपुस्तिकाएं बोर्ड मुख्यालय पर मंगवाई थी। इनमें
से दस प्रतिशत उतरपुस्तिकाओं की रेंडमली जांच करवाई गई।
डीईओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी कार्रवाई
शिक्षा बोर्ड के
सचिव धीरेन्द्र खड़गटा ने बताया कि सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के नेतृत्व
में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई हैं। इस कमेटी में एक सदस्य उपायुक्त
द्वारा नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा संबंधित एरिया का बीईओ भी इस कमेटी
में शामिल होगा। यह कमेटी जांच करेगी कि गड़बड़ी करने वाले शिक्षक कौन हैं।
साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश कमेटी द्वारा की
जाएगी।
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