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Tuesday, 29 October 2013

डीएड : पांचवीं काउंसलिंग के बाद भी 2100 सीटें खाली

** ऑनलाइन काउंसलिंग में फॉर्म भरते समय गलती किए जाने से कई छात्र दाखिला प्रक्रिया से बाहर हो चुके है
गुडग़ांव : डिप्लोमा इन एजुकेशन की काउंसिल को शिक्षा के उच्च अधिकारियों ने ऑनलाइन कर दिया है, लेकिन यह मजाक बन कर रह गई है। डीएड की पांच काउंसिल खत्म होने के बाद भी अधिकतर सीटें खाली हैं। एक तरफ कई स्टूडेंट्स दाखिले की उम्मीद लगाए हैं, वहीं दूसरी तरफ डीएड की सीटें भी नहीं भर पा रही हैं।
ऑनलाइन काउंसलिंग में फॉर्म भरते समय गलती किए जाने से कई छात्र दाखिला प्रक्रिया से बाहर हो चुके है। वहीं कई स्टूडेंट्स जिनके फॉर्म एक्सेप्ट हुए थे, उनमें से कई ऐसे हैं जिन्होंने ग्रेजुएशन में दाखिला ले लिया है। शिक्षाविद् जहां ऑनलाइन प्रक्रिया को मजाक बता रहे हैं, वहीं स्टूडेंट्स में इसे लेकर रोष है। उधर स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) विशेषज्ञों के मुताबिक उच्च अधिकारियों के निर्देशों के तहत आगे कार्रवाई की जाएगी।
सीटें भरना चुनौती
डीएड की प्रदेश भर में कुल 18,400 सीटें हैं। इनमें अधिकतर सीटें पहली तीन काउंसलिंग में भर गई थी। 4000 रिक्त सीटों के लिए चौथी काउंसलिंग और 3000 रिक्त सीटों के लिए पांचवीं काउंसलिंग हुई थी, इसके बावजूद अभी 2100 सीटें खाली हैं। विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या इन सीटों को भरने की है।
स्टूडेंट्स में भी रोष
स्टूडेंट्स का कहना है कि ऑनलाइन काउंसलिंग का कोई फायदा नहीं है। स्टूडेंट्स सरोज और दीपक ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन अप्लाई तो किया था, लेकिन उनका फॉर्म रिजेक्ट हो गया। ऑनलाइन प्रक्रिया उचित नहीं है। मेवात के फिरोज ने बताया कि उनकी बहन ने ऑनलाइन काउंसलिंग किया था। लेकिन किन कारणों से फॉर्म रिजेक्ट हो गया, उसका पता नहीं चला, जबकि उसके 12वीं में 80 प्रतिशत नंबर हैं। अब उसे एक साल का इंतजार करना पड़ेगा। यदि मैनुअली काउंसलिंग में सभी स्टूडेंट्स को बुला लिया जाए तो शायद उसका दाखिला हो जाता।
"खाली सीटों की लिस्ट बनाकर शिक्षा वित्तायुक्त को भेज दी गई है। वहां से जो भी दिशा निर्देश मिलेंगे, उसके तहत कार्यवाही की जाएगी।"--के भारद्वाज, विषय विशेषज्ञ, एससीईआरटी, गुडग़ांव
विशेषज्ञ मान रहे मजाक
दस वर्षों से डीएड काउंसलिंग के हिस्सा रहे अजाद सिंह नेहरा ने बताया कि इस साल डीएड ऑनलाइन काउंसिल मजाक बनकर रह गई है। जितनी सीटें खाली हैं, उन्हें भरने के लिए मैनुअल काउंसलिंग करानी जरूरी है। मैनुअल काउंसलिंग में प्रतिशतता वाइज सभी स्टूडेंट्स को बुलाना चाहिए, चाहे उन्होंने ऑनलाइन अप्लाई किया था या नहीं।         db

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