.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Friday, 18 October 2013

बीईओ ऑफिस में पड़ी हैं किताबें

** स्कूल मुखियाओं को खुद के खर्चे पर ले जानी पड़ रही हैं किताबें 
चरखी दादरी : शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में शिक्षा के सुधार के दावे हवा होते नजर आ रहे हैं। इस साल पहली से 8वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में भेजी जाने वाली किताबें बीईओ ऑफिसों में रखी हुई हैं। 
जब तक स्कूल मुखिया इन किताबों को लेकर नहीं जाएंगे तब तक ये किताबें बच्चों के बस्तों तक नहीं पहुंच पाएंगी। चार महीने बाद बच्चों की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी, मगर अब तक उनको किताब नहीं मिलने के कारण उनका सिलेबस पूरा नहीं हो सकेगा। सिलेबस पूरा नहीं होने की स्थिति में बढिय़ा परीक्षा परिणाम की उम्मीद भी कम ही है। 
सरकारी स्कूलों में पहली से 8वीं कक्षा तक पढऩे वाले बच्चों को किताब शिक्षा विभाग द्वारा मुहैया कराई जाती हैं। शैक्षणिक सत्र 2013- 14 को शुरू हुए छह महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, मगर अभी तक किताब नहीं मिली हैं। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। अब विभाग ने स्कूलों के लिए किताब भेजी हैं तो वो स्कूलों तक नहीं पहुंच पाई हैं। विभाग द्वारा ये किताब बीईओ ऑफिसों में रखी हुई हैं। किताब ले जाने के लिए स्कूल मुखियाओं को कहा जा रहा है, मगर अभी तक केवल आधे स्कूलों द्वारा ही किताब ले जाई गई हैं। 
विभाग नहीं दे रहा बजट 
स्कूलों तक किताब नहीं पहुंचने का मुख्य कारण शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को बजट नहीं दिया जाना है। बीईओ ऑफिस से किताब ले जाने के लिए स्पेशल गाड़ी लेकर आनी पड़ती है। इसमें स्कूलों को काफी खर्चा करना पड़ता है। सभी कक्षाओं की किताब एक साथ नहीं आने के कारण स्कूल मुखियाओं को कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। विभाग की ओर से यह बजट नहीं मिलने के कारण स्कूल मुखिया किताबों को मंगवाने में खास रुचि नहीं दिखा रहे हैं। हालांकि विभाग के अधिकारी मौखिक तौर पर बाद में बजट पास कराने का आश्वासन दे रहे हैं, मगर अभी तक विभाग ने लिखित में कोई आदेश नहीं दिया है। 
बजट भी पास होगा 
"किताबें छपने में देरी होने के कारण किताबों को बीईओ ऑफिस भेजा गया है। ज्यादातर स्कूलों में किताब पहुंच गई हैं। शेष स्कूल भी किताबों को ले जाने में जुटे हुए हैं। उम्मीद है कि किताबों के जाने के लिए विभाग बजट पास कर देगा।"--कुलदीप फौगाट, बीईईओ    db






No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.