चंडीगढ़ : प्रदेश के मिडिल स्कूलों में तैनात मुख्याध्यापकों के जल्द वारे-न्यारे होने वाले हैं। मुख्याध्यापकों को आहरण एवं वितरण शक्तियां (डीडीओ पावर) प्रदान करने और कार्यक्षेत्र का दायरा बढ़ाने की फाइल शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन के पास पहुंच गई है और आदेश किसी भी समय जारी हो सकता है। प्रदेश में मिडिल स्कूल मुख्याध्यापकों के कुल स्वीकृत पद 5548 हैं, इनमें से लगभग सात सौ पद खाली चल रहे हैं। वर्तमान में मिडिल स्कूल मुख्याध्यापक नाम के ही अधिकारी हैं, उन्हें न तो वेतन का चेक हस्ताक्षर करने का अधिकार है, न ही स्कूल में आई ग्रांट को वे खर्च कर सकते हैं। अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी होने के बाद मिडल स्कूल मुख्याध्यापकों को इन कार्यो के लिए हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूल के मुखिया पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। स्कूल का सारा कंट्रोल इन्हीं के हाथ में आ जाएगा। मिड-डे-मील का प्रबंधन, स्कूली बच्चों की वर्दी खरीदने की पावर व उनके अधीन कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों का जीपीएफ निकालने की संस्तुति करने के लिए भी मिडिल स्कूल मुख्याध्यापक स्वतंत्र होंगे। पहली से आठवीं कक्षा तक की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर होगी। dj
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