हिसार : उच्चतर शिक्षा विभाग ने राजकीय कॉलेजों में पढऩे वाले स्टूडेंट्स पर चार गुणा आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है। अब उन्हें पार्किंग एवं लाइब्रेरी शुल्क के रूप में पहले से चार गुणा अधिक फीस कॉलेज में जमा करानी होगी। इसके अलावा परीक्षा शुल्क में भी बढ़ोतरी की गई है। विभाग के इस फैसले का असर जिले के सभी राजकीय कॉलेजों के हजारों स्टूडेंट्स पर पड़ेगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से कुछ समय पहले राजकीय कॉलेजों से फीस का पूरा ब्योरा मांगा गया था। इसके आधार पर अब सभी कॉलेज प्राचार्यों को स्टूडेंट्स से ली जाने वाली फीस में संशोधन से संबंधित पत्र भेजा गया है। विभाग द्वारा कॉलेज स्टूडेंट्स से लिए जा रहे विभिन्न फंडों में से कुछ फंड की राशि में वृद्धि की गई है। विभाग ने यह फैसला शैक्षणिक सत्र के बीच में लिया है। उधर, लेट फीस सहित सभी कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।
विभागीय निर्देशों के तहत स्टूडेंट्स को अब स्कूटी व मोटरसाइकिल आदि की पार्किंग के लिए 36 के बजाय 120 रुपये देने होंगे। इसी तरह आई कार्ड कम लाइब्रेरी कार्ड की फीस भी बढ़ाई गई है। इसके लिए अब 5 के बजाय बीस रुपये जमा कराने होंगे। इसके अलावा परीक्षा शुल्क में भी वृद्धि की गई है। यह संशोधित फीस इसी सत्र से लागू होगी। हालांकि फंडों में की गई यह वृद्धि लंबे अरसे के बाद की जा रही है, लेकिन फिर भी स्टूडेंट्स को सत्र के बीच में ही यह फीस जमा करानी होगी।
"विभाग द्वारा छात्रों से लिए जाने वाले कुछ फंड में बढ़ोतरी की है, जिसमें आई कार्ड, पार्किंग व परीक्षा शुल्क शामिल है। छात्रों के आई कार्ड बन चुके हैं, तो अब वह शुल्क तो लिया नहीं जाएगा। परीक्षा शुल्क व पार्किंग शुल्क के लिए लेटर पढ़कर बताया जा सकेगा कि बढ़ाई गई राशि को कब लिया जाना है।"-- पदम शर्मा, प्रिंसिपल, गवर्नमेंट कॉलेज, हिसार।
रणनीति बनाएंगे
"सरकार दिन प्रतिदिन शिक्षा को महंगा कर रही है। यह फीस बढ़ोतरी भी इसी का परिणाम है। हम फीस बढ़ोतरी का विरोध करते हैं। जल्द ही इस मुद्दे को रणनीति बनाई जाएगी।"--अनिल बालकिया, पूर्व जिला अध्यक्ष, इनसो db
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