रोहतक : अब सीबीएसई के 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को क्लास बंक करना बहुत महंगा पड़ सकता है। बोर्ड ने स्कूलों को अटेंडेंस संबंधि जो नया सरकुलर जारी किया है उसमें सख्त निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसी भी छात्र की हाजिरी कम मिलती है तो उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा, साथ ही स्कूलों की मान्यता भी खतरे में पड़ सकती है। बोर्ड के चेयरमैन विनीत जोशी के अनुसार स्कूल ही छात्रों को गैर हाजिर रहने के लिए बढ़ावा देते हैं। ऐसे में बोर्ड ने सख्त कदम उठाते हुए हुए स्कूलों में औचक निरीक्षण करने का निर्णय लिया है। निरीक्षण का कार्य बोर्ड द्वारा नियुक्त किए गए अधिकारियों द्वारा ही किया जाएगा। बोर्ड का मानना है कि 10वीं और 12वीं के छात्र क्लास बंक कर निजी सेंटरों पर आईआईटी, पीएमटी और जेईई की कोचिंग लेते हैं। दूसरे सेमेस्टर में तो छात्रों को उपस्थिति बहुत ही कम हो जाती है। जिससे न केवल स्कूल की शिक्षा प्रणाली बल्कि परीक्षा परिणाम भी प्रभावित होता है। सीबीएसई ने स्कूलों को जारी किए गए सरकुलर में लिखा है कि छात्रों के लिए कक्षा की सभी गितविधियों में शामिल होना और पूरा स्लेबस पढ़ना जरूरी है। कक्षाओं में उपस्थिति को लेकर सीबीएसई सख्त, स्कूलों में होगा औचक निरीक्षण
इस बारे में मॉडल स्कूल, बबा मस्तनाथ स्कूल और डीएवी स्कूल के प्राचायरें से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा लिया गया फैसला सही है। पर छात्रों द्वारा क्लास बंक करने में उनके अभिभावक भी पूरी तरह जिम्मेदार है। स्कूलों द्वारा बार बार लेटर जारी करने पर भी अभिभावक बच्चों की उपस्थिति को लेकर गंभीर नहीं हो रहे हैं। बोर्ड द्वारा लिया गया निर्णय कारगर साबित होगा। इससे शिक्षा प्रणाली और स्कूल के वातावरण में बदलाव आएगा। निरीक्षण में छात्रों की अधिक संख्या गैरहाजिर मिलती है तो इसके लिए स्कूल को जवाब देना पड़ेगा। यदि स्कूल कोई उचित कारण नहीं बताता तो उसे डाउनग्रेड कर दिया जाएगा। यानि अगर स्कूल 12वीं तक का है तो उसे घटाकर 10वीं तक कर दिया जाएगा। साथ ही स्कूल में छात्रों की संख्या भी निर्धारित कर दी जाएगी। जैसे निरीक्षण के समय जितने छात्र मौजूद होंगे, उतने ही छात्रों को अगले वर्ष दाखिला मिलेगा। hb
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