यमुनानगर : 10वीं के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा खत्म हुए 22 दिन बीत गए हैं, लेकिन अभी तक मार्किंग शुरू नहीं हो पाई। स्टूडेंट्स की आंसर शीट बंद कमरे में ही पड़ी है। पहले कहा जा रहा था कि मात्र 25 दिन में 10वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि 12वीं के साथ ही 10वीं की आंसर शीट की मार्किंग हो पाएगी। अगर ऐसा हुआ तो उन स्टूडेंट्स की दिक्कत बढ़ जाएगी, जिनकी रि-अपीयर आएगी क्योंकि उनके पास पढ़ाई के लिए बहुत कम समय बचेगा।
10वीं के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा चार अक्टूबर को समाप्त हुई थी। जिले में स्टूडेंट्स की आंसर शीट उपमंडल बिलासपुर व जगाधरी की मॉडल कॉलोनी में रखवाई गई थी। 10वीं के हजारों स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी। रि-अपीयर की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट की आंसर शीट तो चेक हो गई है, लेकिन रेगुलर स्टूडेंट्स की नहीं हो पाई।
ये हुआ मार्किंग में देरी का कारण :
10वीं की मार्किंग में देरी का सबसे बड़ा कारण खुद बोर्ड का फैसला रहा। पहले बोर्ड ने परीक्षा व मार्किंग स्कूल स्तर पर ही करवाने का निर्णय लिया था। स्कूलों ने इसके लिए तैयारी भी कर ली थी। परीक्षा तो स्कूल स्तर पर हुई, लेकिन पहले पेपर के दिन ही बोर्ड ने सभी डीईओ को फैक्स भेज दिया कि मार्किंग बोर्ड अपने स्तर पर ही कराएगा। जबकि बोर्ड ने आंसर शीट को नत्थी, पैकिंग करने के लिए कोई सामग्री नहीं भेजी थी।
रि-अपीयर स्टूडेंट को आएगी दिक्कत
हालांकि मार्किंग में देरी होने से कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन उन स्टूडेंट की दिक्कत बढ़ जाएगी जिनकी प्रथम सेमेस्टर में रि-अपीयर आएगी। अभी तो लग रहा है 12वीं के साथ ही 10वीं की मार्किंग होगी। अगर ऐसा हुआ तो रिजल्ट दिसंबर में ही आएगा। क्योंकि आठ नवंबर को 12वीं की परीक्षा खत्म होगी। 10 दिन में मार्किंग होगी और 20 दिन रिजल्ट तैयार करने में लग जाएंगे। मार्च 2014 में सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा होनी है। ऐसे में रि-अपीयर के स्टूडेंट को परीक्षा की तैयारी के लिए मात्र तीन माह मिलेंगे। इस अवधी में उन्हें सेकेंड सेमेस्टर की भी तैयारी करनी होगी।
12वीं के साथ मार्किंग की उम्मीद : डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत कौर ने बताया कि बोर्ड के अधिकारी 10वीं की आंसर शीट को अलग-अलग कर रहे हैं, क्योंकि जो आंसर शीट केंद्रों पर जमा की गई थी उन पर स्कूल का नाम व कोड अंकित है। उम्मीद है कि 12वीं के साथ ही 10वीं की आंसर शीट की मार्किंग हो पाए। इसका फैसला तो बोर्ड को ही करना है। db
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