इन्द्री: सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा की अलख जगाने वाले कम्प्यूटर अध्यापक एवं लैब सहायक एक साल से भी अधिक समय से वेतन को तरस रहे हैं। अपने मेहनताने के लिए कई बार मुख्यमंत्री, मंत्रियों एवं अधिकारियों से मिलने के बाद भी वेतन नहीं देने के लिए जिम्मेदार कम्पनी पर न ही कोई कार्रवाई हुई है और न ही वेतन मिलने का कोई रास्ता निकला है। निराश कम्प्यूटर अध्यापकों एवं लैब सहायकों ने काली दीवाली मनाने और 10 नवम्बर को गोहाना रैली में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा को काले झंडे दिखाकर अपना रोष प्रकट करने का निर्णय लिया है।
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा देने के लिए कम्प्यूटर अध्यापक व लैब सहायकों को निजी कंपनियों के माध्यम से नियुक्त किया था। पिछले तीन सालों में निजी कंपनियां अपना मनमाना रुख अपना रही हंै। तीन साल लगातार स्कूलों में पढ़ाने के बाद गत 31 मार्च 2013 को प्रदेश के 3000 कम्प्यूटर अध्यापकों को अनुबंध के आधार पर पदमुक्त कर दिया गया, लेकिन विडंबना है कि 7 माह के बाद भी उनका वेतन आज तक नहीं दिया गया है।
इसी प्रकार उच्च विद्यालयों में लैब सहायक निजी कंपनी कोर के माध्यम से नियुक्त किए गए थे। पिछले 18 महीने से लैब सहायक बिना वेतन के कार्य कर रहे हैं और कंपनी अपना मनमाना रुख अपनाते हुए कर्मचारियों का लगातार कथित शोषण कर रही है।
सुरेन्द्र प्योंत ने बताया कि कि सोनीपत के गोहाना में होने वाली 10 नवंबर की रैली में प्रदेशभर के 3000 लैब सहायक मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाएंगे और अपना गुस्सा जाहिर करेंगे। उन्होंने कहा कि मजदूर का वेतन या दिहाड़ी यदि पसीना सूखने से पहले न मिले तो उसका कोई फायदा नहीं होता। हम अपनी मेहनत का मेहनताना मांग रहे हैं और प्रदेश सरकार वह देने में भी नाकाम साबित हो रही है। dj
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