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Monday, 28 October 2013

असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती का मामला उलझा

** जीजेयू को नौ उम्मीदवारों के इंटरव्यू लेने का कोर्ट का आदेश 
हिसार : गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी (जीजेयू)में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती का मामला कोर्ट में उलझ गया है। हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी को नौ उम्मीदवारों के इंटरव्यू लेने का आदेश दिया है। इससे पहले कोर्ट के आदेश पर ही यूनिवर्सिटी एक उम्मीदवार का इंटरव्यू ले चुकी है। हालांकि अभी तक यूनिवर्सिटी ने इन नौ उम्मीदवारों के इंटरव्यू नहीं लिए है। 
बता दें कि यूनिवर्सिटी ने सन 2012 में यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन मांगे थे। आवेदन के मुताबिक उम्मीदवारों का चयन इंटरव्यू के जरिए होना था। इसके तहत यूनिवर्सिटी ने चार विभागों में इंटरव्यू के आधार पर ही 12 पदों को भर दिया। लेकिन इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बाकी विभागों के रिक्त पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित कर दी। इस दौरान यूनिवर्सिटी ने उन उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के अयोग्य घोषित कर दिया, जिन्होंने दूरवर्ती शिक्षा से डिग्री ली थी। यूनिवर्सिटी के इस फैसले के खिलाफ एक उम्मीदवार कोर्ट चला गया। 
कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को उक्त उम्मीदवार को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का आदेश दिया। कोर्ट के इस आदेश के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दूरवर्ती शिक्षा से डिग्री लेने वाले सभी उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा में शामिल होने की मंजूरी दे दी। उधर, लिखित परीक्षा में फेल हुए एक उम्मीदवार ने कोर्ट में यह याचिका दायर कर दी थी कि विज्ञापन के मुताबिक उसका इंटरव्यू लिया जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए यूनिवर्सिटी को तुरंत याचिकाकर्ता का इंटरव्यू लेने का आदेश दिया। इस फैसले के बाद 9 अन्य उम्मीदवार भी कोर्ट में चले गए और कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को उनके इंटरव्यू लेने का आदेश दे दिया। 
आरटीआई कार्यकर्ता प्रवीण के मुताबिक उसने आरटीआई में इस पद के लिए चयनित उम्मीदवार के सभी डॉक्यूमेंट मांगे, जिसमें उसने उस जनरल का आईडी नंबर भी मांगा, जिस जर्नल में उसका रिसर्च पेपर छपा। प्रवीण का कहना है कि यदि आपके पास जनरल आईडी है, तो आप उसे इंटरनेट पर कही से भी देख सकते हैं। नास रेटिंग भी जर्नल के अनुसार ही तय होती है। इस पद के लिए यूनिवर्सिटी ने रिसर्च पेपर की नास रेटिंग चार निर्धारित की थी। इसके मुताबिक यदि किसी उम्मीदवार के रिसर्च पेपर की रेटिंग चार से कम है, तो वह पद के अयोग्य घोषित हो जाता है।     db

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