सिवानी मंडी : कर्मचारी चयन आयोग उत्तरी क्षेत्र की लापरवाही कहें या नेटवर्किंग प्रॉब्लम कि सिवानी क्षेत्र के अनेक परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए। परीक्षार्थियों को रोल नंबर भी तब पता चले जब परीक्षा हो चुकी थी। इससे उनके कोचिंग के हजारों रुपये के साथ पूरी साल की मेहनत और एक साल बर्बाद हो गया। वंचित छात्रों ने आयोग से परीक्षा से वंचित रहे छात्रों को समय देने की मांग की है। उनका कहना है कि आयोग ने अगर उनकी मांग नहीं मानी तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। सिवानी के छात्र जितिन डोरा, कुलदीप सिरोवा, अजय भुक्कल, मीनाक्षी, सुनीता, कविता, राहुल, नितिन आदि ने बताया कि कर्मचारी चयन आयोग के उत्तरी क्षेत्र में एलडीसी और डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद के लिए उन्होंने आवेदन किया था। इसके लिए वे 6 माह से मोटी रकम देकर हिसार में कोचिंग भी ले रहे थे।
नहीं खुली वेबसाइट
उन्होंने बताया कि वेबसाइट से रोल नंबर पाने के लिए वे पिछले एक सप्ताह से आयोग की वेबसाइट खोल रहे थे लेकिन वेबसाइट खुली ही नहीं और ना ही उनके पास आयोग की तरफ से परीक्षा को लेकर कोई सूचना भेजी गई। उन्हें इसका पता 21 अक्टूबर की शाम को पता लगा लेकिन तब तक 20 अक्टूबर को आयोग परीक्षा ले चुका था। उन्होंने बताया कि आयोग की तरफ से ये परीक्षाएं 3 चरणों में ली जानी है जिसमें 20 अक्टूबर के बाद अगली परीक्षा 27 अक्टूबर और 10 नवंबर को होगी।
आयोग जिम्मेदार बताया
उन्होंने कहा कि परीक्षा से वंचित रहने में आयोग पूरी तरह जिम्मेदार है और अगर उन्हें इस बार अवसर नहीं मिला तो उनकी मेहनत और धन के साथ अगला साल भी बरबाद हो जाएगा। उन्होंने मांग की है कि उन्हें 27 अक्टूबर या 10 नवंबर को होने वाली परीक्षा में बैठने का एक अंतिम अवसर दिया जाए वरना वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। db
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