अम्बाला सिटी : किसी न किसी सर्वे या फिर बीएलओ (बूथ लेवल अफसर) का काम करने से तंग आ चुके शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। अब गैर अध्यापन कार्यों के लिए फील्ड में नहीं जाना पड़ेगा।
मौलिक शिक्षा महानिदेशक के इन निर्देशों के बाद शिक्षकों को राहत मिली है। शिक्षकों की जगह साक्षरता विभाग में तैनात प्रेरकों को ही इस काम में लगाया जा सकता है।
200 दिन पढ़ाना जरूरी:
बार बार ड्यूटी लगने से शिक्षक ठीक ढंग से पढ़ाई नहीं करवा पाते थे। अब शिक्षकों को शैक्षणिक वर्ष में प्राइमरी कक्षा में 200 दिन तथा अपर प्राइमरी कक्षा में 220 दिन पढ़ाना जरूरी है।
शिक्षकों की ड्यूटी स्थानीय निकाय, विधान मंडलों या संसदीय चुनाव की घोषणा पर ही लगाई जा सकेगी। उनकी ड्यूटी चुनावी तिथियों में चुनाव एवं मतगणना के लिए प्रशिक्षण प्राप्त के लिए लगेगी। इसके अलावा चुनाव का समान एकत्रित करने के दिन के अलावा किसी भी प्रकार का चुनावी कार्य शिक्षकों से नहीं लिया जाएगा।
कार्यकारी डीईओ, सुमन मुंजान ने बताया कि डीसी ही निर्देश देंगे कि बीएलओ को वोट बनाने से कब हटाना है। क्योंकि महानिदेशक का पत्र शिक्षा विभाग के पास नहीं आया। सीधे डीसी ही इस पर संज्ञान ले सकते हैं।
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