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Friday, 18 October 2013

कंप्यूटर ज्ञान के बिना लिपिकों को पदोन्नति व वेतन वृद्धि नहीं

** इंटरनेट और ईमेल प्रबंधन की जानकारी नहीं होने पर माने जाएंगे अयोग्य 
** क्लर्क की नई भर्ती के लिए टाइपराइटर के बजाय कंप्यूटर पर योग्यता परीक्षा अनिवार्य 
रेवाड़ी : सरकार ने विभिन्न विभागों के क्लर्कों के लिए कंप्यूटर दक्षता हासिल करना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा नहीं होने पर उनको पदोन्नति और इंक्रीमेंट नहीं मिलेगी। इसके अलावा ऑफिस एसोसिएट, क्लर्क कम डाटा एंट्री ऑपरेटर, डाटा एंट्री ऑपरेटर जैसे पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को क्लर्क ही माना जाएगा। 
नई भर्ती और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदोन्नति के लिए दसवीं से 12वीं कक्षा तक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य करने से विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों का पदनाम अब क्लर्क ही रहेगा। इस संबंध में मुख्य सचिव हरियाणा सरकार की ओर से सभी विभागों के मुखियाओं को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। 
अब कंप्यूटर ज्ञान जरूरी 
क्लर्कों के लिए पहले टाइपराइटर पर हिंदी और अंग्रेजी में टाइपिंग स्पीड की परीक्षा देनी पड़ती थी। अब उनकी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाकर 12वीं करने के साथ साथ कंप्यूटर ज्ञान में वर्ड प्रोसेसिंग, इंटरनेट और ईमेल प्रबंधन के बारे में दक्षता हासिल करना होगा। इसके तहत कंप्यूटर ज्ञान से संबंधित स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट इन कंप्यूटर एप्रिसिएशन एंड एप्लीकेशन (एसईटीसी) सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। क्लर्क, स्टेनो टाइपिस्ट, जूनियर और सीनियर स्केल स्टेनोग्राफर के लिए एसईटीसी सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है। नव नियुक्त कर्मचारियों को प्रोबेशन पीरियड के दो साल के अंदर हारट्रोन द्वारा प्रमाणित एसईटीसी प्रमाण पत्र जमा कराना होगा। सीधे भर्ती कर्मचारियों के लिए एक साल का अतिरिक्त समय दिया जा सकता है। जो कर्मचारी इन शर्तों को पूरा नहीं करेंगे उन्हें पदोन्नति और इंक्रीमेंट का लाभ नहीं मिल पाएगा। 
"सभी जिला उपायुक्त के साथ विभाग प्रमुखों व वित्त विभाग को नई व्यवस्था और नियमों के बारे में सूचित कर दिए हैं। इसी के अनुरूप प्रक्रिया चलाने के निर्देश जारी किया है।"-- भीम सिंह, सचिव, हरियाणा सरकार के प्रोटोकोल विभाग 
आगे क्या : 
विभिन्न विभागों में कार्यरत उन पुराने कर्मचारियों की सेवाकाल 18 से 22 साल हो चुकी है। उन्हें अपना कंप्यूटर ज्ञान बढ़ाने और एसईटीसी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न कंप्यूटर संस्थान अपने आपको सरकार द्वारा प्रमाणित करने का दावा कर फर्जीवाड़ा को बढ़ावा देंगे। कर्मचारियों को पदोन्नति और इंक्रीमेंट के लिए कई जगह हथकंडे अपनाने पड़ेंगे। 
ये है फायदा :
नए पदनाम से कर्मचारियों को अलग अलग पदनाम के बजाय क्लर्क होने से तृतीय श्रेणी की मान्यता मिलेगी। अनुभव के आधार पर वे अपना सर्विस रिकॉर्ड आगे बढ़ा सकेंगे। 
पदनाम बदलने मात्र से लाभ नहीं मिलेगा सर्वकर्मचारी संघ के जिला प्रधान चंद्रभान यादव का कहना है कि पदनाम बदलने से कर्मियोंं को लाभ नहीं मिलेगा। पिछले करीब एक साल से कुरुक्षेत्र में कर्मचारी हड़तालरत है। आज तक सरकार की ओर से कोई आश्वासन देना तो दूर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान तक नहीं कर रही है। पंजाब सरकार के बराबर वेतनमान दिए जाने के साथ नई भर्ती की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के बाद सीमित लिपिकों पर लगातार कार्यबोझ बढ़ता जा रहा है। एक लिपिक को तीन से चार कर्मचारी का कार्य करना पड़ रहा है। कर्मचारी संगठन और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता होने के बाद भी समस्या समाधान के प्रति उदासीन रवैये से कर्मचारियों का विश्वास टूटता जा रहा है। 
इन्हें मिलेगी छूट 
जिन उम्मीदवारों ने मान्यता प्राप्त संस्थान से एमटेक, बीटेक कंप्यूटर, एमसीए, बीसीए या कंप्यूटर में डिप्लोमा किया हुआ है या किसी मान्यता प्राप्त संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से बेसिक कंप्यूटर लिटरेसी सर्टिफिकेट प्राप् किया हो, हरियाणा स्टेट सर्टिफिकेट इन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से कोई प्रशिक्षण प्राप्त किया है तो उन्हें एसईटीसी की अनिवार्यता नहीं होगी। शारीरिक रूप से विकलांग उम्मीदवारों को भी केवल टाइपिंग टेस्ट देना होगा।   db




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