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Sunday, 20 October 2013

बच्चों की संख्या 150 से 50 रह गई पर स्कूल को अध्यापक नहीं मिले

बौंदकलां : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते विद्यार्थियों की पढ़ाईप्रभावित हो रही है। बौंदकलां स्कूल में तीन विषयों के प्रवक्ता नहीं होने से विद्यार्थियों को अपने ही स्तर पर तैयारी करनी पड़ रही है। विद्यालय में विज्ञान संकाय में गणित विषय के प्रवक्ता का पद मार्च 2010 से रिक्त बना हुआ है। फिजिक्स विषय के प्रवक्ता का पद भी अप्रैल 2011 से ही रिक्त बना हुआ है। इसके साथ ही पीटीआई का पद भी पिछले डेढ़ साल से खाली है। इन विषयों के शिक्षकों के अभाव का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
स्कूल छोड़ रहे विद्यार्थी
शिक्षकों की कमी के चलते विज्ञान विषय में पहले की अपेक्षा अब इन कक्षाओं में छात्रों की संख्या आधी से भी कम पहुंच चुकी है। विषयों के शिक्षकों के पद भरे होने पर यहां पर विज्ञान विषय की छात्र संख्या 150 के लगभग पहुंच गई थी लेकिन इस समय यह संख्या घटकर 50 ही रह गई है। विद्यालय में पढऩे वाले 11वीं और 12वीं के छात्र गौरव, सुदीप, विष्णु, लक्ष्मण, दीपक, शुभम, राहुल, सोमबीर, अजय, संदीप, मीना, शालू, पूजा, रवीना, प्रीति व सुषमा ने बताया कि प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा बिना शिक्षकों के ही देनी पड़ रही है। शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों को मजबूरीवश निजी स्कूलों में दाखिला लेना पड़ रहा है। इस समय विद्यालय में पडऩे वाले इन विषयों के विद्यार्थियों को कोचिंग सैंटरों में जेब ढीली करके अपने विषयों का अध्ययन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। एक विषय के सिलेबस को कवर करने के लिए छात्रों को 3 से 5 हजार रुपये देने पड़ रहे है। दूसरे सेमेस्टर की शुरुआत होने वाली है। जबकि अभी तक यहां पर शिक्षकों के पद खाली पड़े हुए है। इस बारे में जागरूक ग्रामीण भी कोई आवाज नहीं उठा रहे है। ऐसे में विद्यार्थियों का कैरियर चौपट हो रहा है। विद्यालय के प्राचार्य सुखपाल सिंह ने बताया कि डिमांड भेजी हुई लेकिन अभी तक अध्यापक नहीं मिले हैं।    db

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