नई दिल्ली : नई पेंशन स्कीम यानी एनपीएस के तहत आने वाले कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद अपना पूरा फंड निकाल सकेंगे। लेकिन यह तभी हो सकेगा जब उनके फंड की राशि दो लाख रुपये या उससे कम हो। सरकार ने एनपीएस के नियमों में इस आशय का बदलाव किया है। वित्त मंत्रलय ने इस बदलाव से संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार, अगर एनपीएस लाइट (स्वावलंबन) स्कीम को छोड़ अन्य योजनाओं में शामिल कर्मचारी अनुरोध करते हैं तो दो लाख रुपये या उससे कम पेंशन फंड होने पर पूरी राशि रिटायरमेंट के वक्त दी जाएगी। वर्तमान में एनपीएस में करीब 4,400 कर्मचारी ऐसे हैं जिनके फंड की राशि दो लाख रुपये या उससे कम है। इनमें से करीब 680 कर्मचारी रिटायरमेंट के वक्त पूरे फंड के भुगतान का आवेदन कर चुके हैं। एनपीएस के तहत कोई भी कर्मचारी साठ वर्ष या इससे अधिक की आयु के बाद स्कीम से बाहर निकल सकता है। लेकिन अगर कोई ग्राहक 60 से 70 साल की उम्र के दौरान अपने फंड में से आंशिक निकासी नहीं करता तो वह 70 साल तक स्कीम में बना रह सकता है। आमतौर पर कर्मचारियों को रिटायरमेंट फंड के 60 फीसद का भुगतान एकमुश्त किया जाता है। शेष 40 फीसद राशि को जीवन भर की पेंशन भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें फैमिली पेंशन भी शामिल है। नियमों में बदलाव के पीछे सोच यही है कि जिन कर्मचारियों का कुल फंड दो लाख रुपये या उससे कम बनता है, उसके 40 फीसद हिस्से में पर्याप्त पेंशन दिया जाना संभव नहीं है। इसलिए ऐसे कर्मचारी जो बेहद कम पेंशन के साथ नहीं जाना चाहते वे रिटायरमेंट के बाद अपने पूरे फंड की निकासी का विकल्प चुन सकेंगे। dj chd
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