सिरसा : तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने छात्राओं को घर भेजने वाले नियम को तोड़ दिया है। विभाग के निदेशक ने सभी बहुतकनीकी संस्थानों को नोटिफिकेशन जारी कर नियम को विड्रा कर दिया है। अब बिना पेपर क्लियर किए ही समय अनुसार आगामी सेमेस्टर में छात्राओं को बैठने की मंजूरी मिलती रहेगी। वहीं कोर्स पूरा हो जाने के बाद भी रि अपीयर वाले पेपर दे सकेंगी। नियम के मुताबिक पहले सेमेस्टर के सभी पेपर पास नहीं थे और वे पांचवे सेमेस्टर में पहुंच गई थी। उनको पांचवे सेमेस्टर में बैठने नहीं दिया गया था। नियम के अनुसार विद्यार्थी जब तक पहले सेमस्टर की पूरी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करेगा करेगा तब तक उसे पांचवें सेमेस्टर में बैठने नहीं दिया जाएगा। इसी नियम के तहत कॉलेज की 63 छात्राओं के नाम काट दिए गए थे।
दो बार गेट पर जड़ा था ताला
महिला बहुतकनीकी कॉलेज पर छात्राओं ने दो बार तालाबंदी कर की थी। पहली बार 20 सितंबर को दूसरी बार 25 सितंबर को ताला लगाकर नारेबाजी की थी। छात्राओं की मांग को कॉलेज प्रशासन ने भी निदेशक के नोटिस में लाया था।
दो छात्राओं ने किया था कोर्ट में केस
इस सिलसिले में फरीदाबाद की रहने वाली दो छात्राओं वर्षा व अनामिका ने हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश जैन की कोर्ट में केस दायर कर दिया था कि नियम को तोड़ा जाए। छात्राओं ने कहा था जब एडमिशन लिया था। उस समय इस नियम कोई नियम नहीं था। 21 अक्टूबर को सुनवाई होनी थी।
"नए नियम को तोडऩे की मांग छात्राओं ने की थी। इसकी फाइल निदेशालय को भेजी गई थी। अब नियम को विभाग ने विड्रा कर दिया है। जिन छात्राओं का नाम काटा गया था, उनको नोटिफिकेशन के अनुसार पांचवे सेमेस्टर में पढऩे का मौका दिया जाएगा"--राजबीर कादियान, प्राचार्य, महिला बहुतकनीकी कॉलेज। db
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