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Thursday, 31 October 2013

... ताकि छात्रों को किताबों के लिए न करना पड़े इंतजार


गुडग़ांव : सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के स्टूडेंट्स को मिलने वाली नि:शुल्क किताबें अब नए सत्र 2014-15 में समय पर उनके हाथों में होगी। शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए अभी से कवायद शुरू कर दी है। निदेशालय ने अगले साल के लिए अभी से टेंडर निकाल दिए हैं, ताकि छात्रों को सत्र के पहले दिन ही किताबें मिल जाएं। अभी तक हर साल स्टूडेंट्स को मिलने वाली किताबें आधा सत्र गुजरने के बाद ही मिल पाती हैं। इससे स्टूडेंट्स को बिना किताबों के ही पढऩा पड़ता है।
क्या होगा स्टूडेंट्स को लाभ :
हर साल किताबें प्रथम सेमेस्टर तक ही छात्रों को मिल पाती हैं, जिससे छात्रों को बिना किताबों के ही पढऩा पड़ता है। इससे कई विषय समझने में उन्हें परेशानी आती है। बिना किताबों के घर में भी पढ़ाई नहीं हो पाती, जिसका असर उनके रिजल्टस पर पड़ता है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान तरुण सुहाग कहते हैं कि प्रति वर्ष किताबें स्टूडेंट्स के हाथों में देरी से आती हैं,
गुडग़ांव खंड की नहीं मिलीं पूरी किताबें
जहां शिक्षा निदेशालय अगले साल के लिए अभी से टेंडर निकालने में लगा है, वहीं गुडग़ांव खंड में सातवीं और 8वीं कक्षा की किताबें अभी भी नहीं पहुंची हैं। राजकीय अध्यापक संघ के राज्य सचिव सत्य नारायण यादव ने बताया कि गुडग़ांव खंड में सातवीं और 8वीं कक्षा के लगभग 10 हजार स्टूडेंट्स हैं। इसमें से अभी लगभग सात हजार स्टूडेंट्स को किताबों का सैट नहीं मिला है।
"अधिकतर कक्षाओं की किताबें पहुंच चुकी हैं। कुछ किताबें नहीं हैं, जिन्हें फर्रुखनगर खंड से उठाने के आदेश दिए गए हैं।"-- प्रेमलता, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, गुडग़ांव
"इस साल किताबों में देरी जरूर हुई है। अगले साल 2014-15 में ऐसा न हो इसके लिए शिक्षा विभाग ने इस साल अभी टेंडर निकाल दिया है, ताकि किताबों को समय रहते छपा लिया जाए और स्टूडेंट्स को नए सत्र के पहले दिन ही किताबें मिल सकें।"-- डी सुरेश, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, पंचकूला         db

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