रोहतक : शिक्षा विभाग अपने ही आदेशों की परिपालना कैसे करता है, इसका जीता जागता उदाहरण सिंहपुरा खुर्द के स्कूल में पीटीआई पद पर तैनात एक महिला शिक्षिका ही है। शिक्षिका ममता का आरोप है कि उसके ज्वाइन करने के बाद अधिकारी उस पर किसी प्रभावशाली पीटीआई के लिए रिलीव होने का दबाव बना रहे हैं। वहीं, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने इस तरह के आरोपों का खंडन किया है।
चार अक्टूबर को पदभार संभाला
सेक्टर-3 निवासी पीटीआई ममता पुत्री भूप सिंह ने बताया कि वह बतौर पीटीआई के पद पर राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोरखेड़ी में तैनात रही। एक अक्टूबर को निदेशक मौलिक शिक्षा अधिकारी के आदेश संख्या 28-59-2013-एचआरवी के तहत सिंहपुरा खुर्द स्थित राजकीय हाई स्कूल में खाली पद पर उसका तबादला हो गया।
चार अक्टूबर को उसने पदभार संभाल लिया। इसके बाद 08 अक्टूबर को उनके पूर्व आदेशों के खिलाफ एक नया आदेश जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि यदि ममता ने खाली पद पर ज्वाइन नहीं किया है तो वे वापस मोरखेड़ी में रहें और खाली स्थान पर इन आदेशों के तहत किसी भूपेंद्र नाम के पीटीआई को ज्वाइन कराया जाए।
ममता का आरोप है कि भूपेंद्र के स्थानांतरण के आदेश खाली पद पर किए गए हैं, लेकिन वे वहां पहले ही ज्वाइन कर चुकी हैं तो इन आदेशों का कोई औचित्य नहीं रह जाता। इसके बावजूद मौलिक शिक्षा अधिकारी व मुख्य अध्यापिका उन्हें किसी राजनीतिक दबाव के चलते रिलीव होने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार व आलाधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप कर न्याय करने की मांग की है।
"मेरे संज्ञान में मामला ही नहीं है। दबाव बनाने का तो सवाल ही नहीं है। इस तरह के सभी आरोप निरर्थक हैं। अध्यापिका को बुलाकर मामले की जांच की जाएगी। जो भी निदेशक के आदेश हैं, नियमानुसार उनकी पालना की जाएगी।"-- सुनिता रुहिल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, रोहतक। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.