** हसला के बहिष्कार से निपटने की तैयारी
गुडग़ांव : हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा करवाई गई 12वीं प्रथम सेमेस्टर की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। गुरुवार से शुरू होने वाले मूल्यांकन का हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने अपनी मांगों को लेकर बहिष्कार कर दिया है। जहां हसला के सदस्यों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक वह मूल्यांकन कार्य नहीं करेंगे वहीं बोर्ड ने भी रणनीति बनाते हुए मूल्यांकन कार्य को निजी स्कूल शिक्षकों से करवाने का फैसला लिया है। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि यदि हसला के सदस्यों ने गुरुवार यानि की सात नवंबर से शुरू होने वाले मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया तो बोर्ड विद्यार्थियों के हित को देखते हुए निजी शिक्षकों से मूल्यांकन कार्य करवाएंगे।
जिले में बने दो सेंटर:
जिले में 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए दो सेंटर बनाए गए हैं। एक सेंटर जिले के कादीपुर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में और दूसरा पटौदी स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बनाया गया है। कादीपुर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल मनीराम ने बताया कि अभी तक लगभग 6 हजार उत्तर पुस्तिकाएं जांच के लिए आ गई है। जांच के लिए स्कूल में तैयारियां पूरी हैं। अब हसला के सदस्य हड़ताल करते है या जांच इसके बारे में सही पता तो गुरुवार को ही लगेगा।
निजी शिक्षकों का लिया जाएगा सहयोग:
हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी का मूल्यांकन कार्य सात नवंबर से 21 नवंबर तक पूरा किया जाना है। ऐसे में हसला ने मूल्यांकन से बहिष्कार कर दिया है। मूल्यांकन देरी से होने से रिजल्ट देरी से आएगा जिसके चलते स्टूडेंट्स को नुकसान होगा। ऐसे में विद्यार्थियों के हित का ख्याल रखते हुए बोर्ड ने फैसला लिया है कि यदि हसला मूल्यांकन से बहिष्कार करता है तो मूल्यांकन को समय रहते पूरा करवाने के लिए निजी स्कूलों के या फिर आईटीआई शिक्षकों का सहारा लिया जाएगा।
यह है हसला की मांगें:
हसला के सदस्यों का कहना है कि हर बार शिक्षा अधिकारी मांगे पूरी करने का आश्वासन देकर उनसे मूल्यांकन करवा लेते है लेकिन इस बार हसला पूरी तरह से मूल्यांकन का बहिष्कार करता है। हसला की मांग है कि उनका पे ग्रेड 4800 रुपए से बढ़ाकर पंजाब व हिमाचल के प्राध्यपकों की तरह 5400 किया जाए। इसके साथ ही पदोन्नति व प्राध्यापकों की योग्यता के अनुसार की जाए।
"हसला के सदस्यों से अपील की जाती है कि विद्यार्थियों के हित को देखते हुए मूल्यांकन से बहिष्कार न करें। यदि फिर भी हसला मूल्यांकन से बहिष्कार करता है तो विद्यार्थियों के हित को देखते हुए मूल्यांकन के लिए निजी स्कूलों, आईटीआई व कॉलेज के शिक्षकों की मदद ली जाएगी।"--एमपी यादव, ज्वाइंट सेक्रेटरी, हरियाणा शिक्षा बोर्ड, भिवानी
"हसला अपनी मांगों को लेकर मूल्यांकन से बहिष्कार कर रहा है। प्रदेश स्तर पर यह फैसला लिया गया है। जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी बहिष्कार जारी रहेगा।"--कृष्ण कुमार, जिला प्रधान, हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन, गुडग़ांव db
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