चंडीगढ़ : वीरवार को यहां जिला अदालत में प्राइमरी स्कूलों में स्कूली बस्तों के बढ़ते बोझ को कम किये जाने तथा इस बोझ से विद्यार्थियों स्वास्थ्य पर पडऩे वाले गहरे असर को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गयी है। एडवोकेट ठाकुर के मुताबिक सीबीएसई की इस बारे में स्पष्ट गाइड लाइन हैं कि बच्चों के स्कूल बैग स्कूल में ही रखवाए जाएं।
जिला अदालत में वीरवार को दायर की याचिका में कहा गया है कि प्राइमरी कक्षा के बच्चों के भारी बैग उनके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकते हैं। एडवोकेट अरविंद ठाकुर ने यह याचिका सिविल जज सीनियर डिवीजन केके जैन की अदालत में दायर की। याचिका में पीजीआई के एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर की ओर से की गई एक स्टडी रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक छोटी उम्र में ही बच्चों के स्कूल जाते वक्त भारी वजन के बैग उठाने के चलते में सर्वाइकल, स्पोंडिलाइटस और माइग्रेन जैसी बीमारियां होने की बात कही गई है। नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट की ओर से 12 दिसंबर 2010 को किए एक आदेश में आयोग ने यह निर्देश दिल्ली के एजुकेशन डिपार्टमेंट को दिए थे, जिसमें स्कूली बैग का वजन कम करने को कहा था।
आयोग ने यह भी कहा था कि अगर स्कूल बैग का वजन कम नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने याचिका की सुनवाई के दौरान प्रशासन के शिक्षा सचिव वीके सिंह, डीपीआई स्कूल कमलेश कुमार, डीईओ राम कुमार तथा सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी को 10 दिसंबर के लिए नोटिस जारी किया गया। dt
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