** एसपी कविराज ने स्कूल-कॉलेज के संचालकों के साथ बैठक की
** चार दिसंबर को चौथी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी देंगे परीक्षा
** सबसे ज्यादा सड़क हादसों में जा रही लोगों की जान
** सड़क हादसों में कमी लाने के लिए पुलिस प्रशासन का प्रयास
यमुनानगर : स्कूल-कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से मुहिम शुरू की गई है। स्टूडेंट्स कितने जागरूक हुए, इसके लिए बकायदा परीक्षा भी ली जाएगी। टॉप करने वाले विद्यार्थियों को को पुलिस-प्रशासन अन्य लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए रोल मॉडल बनाएंगे।
इसी मुहिम की शुरुआत में एसपी शिवास कविराज ने लघु सचिवालय में स्कूल-कॉलेज के संचालकों व मुखियों के साथ बैठक की। इसमें 300 से अधिक स्कूल संचालकों ने भाग लिया। मौके पर एसपी ने कहा कि मौजूदा समय में आंकड़े चौंकाने वाले हैं। प्रदेश में सड़क हादसों में मरने वाले की संख्या साढ़े चार हजार है। लोगों की जान सबसे ज्यादा सड़क हादसों में जा रही है। इसलिए सबकी जिम्मेदारी बनती है कि इसे रोका जाए। हर किसी को अपने स्तर पर प्रयास करना होगा। सभी के सहयोग से ही दुर्घटना का ग्राफ जीरो-प्रतिशत आ सकता है। इस दिशा में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू किया गया। इसके तहत पहले चरण में स्कूल-कॉलेज को जोड़ा जाएगा। शिक्षण संस्थान में ही भावी चालक पढ़ रहे हैं।
मौके पर पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। ये कमेटी एग्जाम से पहले स्कूलों का दौरा कर तैयारियों का जायजा भी लेगी। जिसमें एमएस साहनी, संजय कांबोज, अवतार सिंह चुघ, ट्रैफिक एसएचओ नवीन कुमार व अश्विनी दत्ता को शामिल किया गया है। मौके पर डीईओ जगजीत कौर, एसएचओ ट्रैफिक नवीन कुमार, अवतार सिंह चुघ, अश्विनी धीमान, परमजीत कौर, एसपी सैनी, सुदेश बांगा, बिंदू शर्मा, राजबीर वर्मा, पंकज कुमार, विजेंद्र कुमार, एनके शर्मा, अंजलि शर्मा, पवन कुमार, कमल चौधरी व डीईओ कार्यालय से वेद प्रकाश मौजूद रहे।
अपने लिए ही नहीं, दूसरों के लिए भी खतरा
ट्रैफिक एसएचओ नवीन कुमार ने कहा कि स्कूल संचालक चालक का विशेष ध्यान रखें। चालक मानसिक दबाव में तो नहीं है। चालक किसी तरह के नशे का आदी तो नहीं है। नशे में वाहन चालक अपने लिए ही नहीं, बल्कि दूसरे की जिंदगी के लिए भी खतरा बनता है। इसी तरह हादसे में मौत, पूरे परिवार को मानसिक तौर पर तोड़ देती है।
अच्छा निर्णय है : कांबोज
सीबीएसई स्कूल एसोसिएशन के प्रधान एमएस साहनी व सचिव संजय कांबोज ने कहा कि एसपी का यह निर्णय अच्छा है। बच्चों को स्कूल स्तर पर ही यातायात नियमों की जानकारी मिलेगी। सिर्फ वाहन चलाते समय ही नहीं, बल्कि यातायात नियमों की जानकारी हमेशा होनी चाहिए। यदि स्टूडेंट्स जागरूक होंगे तो आसपास के लोगों को भी नियमों की जानकारी मिलेंगी। स्टूडेंट्स उन्हें टोकेंगे।
बुक्स भी दी जाएंगी
एसपी ने बताया कि एग्जाम से पहले सभी स्कूल संचालकों को ट्रैफिक रूल्स से संबंधित बुक्स दी जाएगी। यह बुक हिंदी व इंग्लिश दोनों लैंग्वेज में होगी। इसी तरह एग्जाम भी हिंदी व इंग्लिश दोनों भाषा में होगा। उन्होंने स्कूल संचालकों से आह्वान किया कि वह अपना ईमेल आईडी, प्रिंसिपल व वाइस प्रिंसिपल का नंबर भी एसपी कार्यालय में दे दें। एग्जाम का मेटर स्कूल संचालकों को मेल कर दिया जाएगा। यह जानकारी डीईओ व एसोसिएशन के माध्यम से भी दी जा सकती है।
स्कूल व कॉलेज संचालकों ने भी रखे सुझाव
- छुट्टी के समय व स्कूल लगने के समय शहर में भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए।
- छुट्टी के समय एक पुलिस कर्मी व स्कूल के दो ट्रेंड कर्मी भीड़ को नियंत्रित करने में लगाए जाएं।
- शहर में दौड़ रहे अवध वाहनों पर भी रोक लगाई जाए।
- साथ ही क्षमता से अधिक सवारी बैठाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- दोपहिया वाहन के साथ-साथ थ्री-व्हीलर व फोर व्हीलर वाहन चालकों के लाइसेंस की जांच की जाए।
- स्कूलों में ही बसों की जांच होनी चाहिए।
- अंडर-ऐज बच्चे स्कूल में वाहन न लाएं, इस संबंध में अभिभावकों को ही जागरूक किया जाए।
- पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग के दिन स्कूल में इस बैनर व पोस्टर लगे जोकि अभिभावकों को जागरूक करें।
- नेशनल, स्टेट हाइवे व लिंक रोड पर स्पीड लिमिट के बोर्ड लगाए जाएं।
- अधिकतर बस चालक के लाइसेंस बाहर के प्रदेशों से बने हैं, इन्हें प्रदेश में ट्रेनिंग देकर नियमित लाइसेंस दिए जाए।
एसपी ने बताया कि सभी स्कूलों में टेस्ट चार दिसंबर को होगा। इसमें चौथी से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी भाग लेंगे। जिले में से दो टॉपर चुने जाएंगे। ये दोनों राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसी तरह राज्य स्तर के दो टॉपर चुने जाएंगे। राज्य स्तरीय कार्यक्रम को सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा संबोधित करेंगे। ये टॉपर विद्यार्थी प्रदेश में चलाए जाने वाले जागरुकता अभियान के एम्बेसडर बनाया जाएगा।
बैठक में स्कूल व कॉलेज संचालकों ने एसपी को भरोसा दिलाया कि वह ऐसा प्रयास करेंगे, जिससे दुर्घटना का ग्राफ जीरो प्रतिशत हो जाए। db
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