अम्बाला सिटी : स्कूलों में मिड-डे-मील के रिकॉर्ड को लेकर डीईईओ ने कड़े रुख अख्तियार किया है। डीईईओ परमजीत शर्मा ने शहर के आर्य स्कूल में आयोजित खुले दरबार में अम्बाला ब्लॉक-1 के प्राइमरी हेड व मिडिल हेड को कड़ी फटकार लगाई। डीईईओ ने कहा कि स्कूल हेड पर स्कूल की सारी जिम्मेदारी होती है। अगर वे ही इसमें कोताही करेंगे तो स्कूलों में बच्चों को शिक्षा कैसे मिलेगी।
उन्होंने कहा कि जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है और अध्यापक बच्चों को तभी अनुशासन सिखा पाएंगे जब वे खुद इसका पालन करेंगे। इस दौरान प्राइमरी हेड व मिडिल हेड ने कुल 32 समस्याएं डीईईओ के समक्ष रखी। इधर, अध्यापक तो सोच रहे थे कि इस खुले दरबार में उनकी परेशानियों सुनी जाएंगी और उनका निवारण किया जाएगा। लेकिन इस खुले दरबार में डीईईओ अध्यापकों पर जमकर बरसी और कहा कि उन्हें दिखावे के लिए नहीं बल्कि दिल से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अध्यापक ड्यूटी जिम्मेदारी से नहीं करते।
प्राइवेट स्कूलों में कम तनख्वाह पर अध्यापक पूरे लगन से काम करते हैं। जबकि सरकारी स्कूलों में अध्यापक बच्चों को पढ़ाने की बजाए ग्रुप बनाकर बैठे धूप सेंकते रहते हैं। परमजीत ने तल्ख तेवरों में कहा कि ऐसा नहीं चलेगा, अध्यापकों को अपना काम ईमानदारी से करना पड़ेगा। परमजीत ने कहा कि स्कूलों में समय-समय पर जांच की जाती है। लेकिन एक स्कूल में पहुंचते ही बाकी सब स्कूलों में इसकी सूचना देकर सावधान कर दिया जाता है। अध्यापकों व कर्मचारियों की फोन डिटेल निकलवाई जा सकती है। अगर कोई ऐसा दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई अध्यापक बीईओ और डीपीओ के आदेशों को नहीं मानता तो उसे तत्काल सस्पेंड किया जाएगा।
अगर पेनल्टी हुई तो स्कूल हेड होंगे जिम्मेदार:
डीईईओ ने कहा कि आरटीआई में मांगी जानकारी की जल्द सूचना मुहैया करवाई जाए। उन्होंने कहा कि इसमें 25 हजार रुपए की पेनल्टी का प्रावधान है और अगर पेनल्टी हुई तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल हेड की होगी। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.