कुरुक्षेत्र : राजकीय स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक विद्यार्थियों का पूरा डाटा सीडी में डलवाने में उलझे हुए हैं। विभाग शिक्षकों से विद्यार्थियों की सभी डिटेल सीडी में मांग रहा है। दिलचस्प बात तो यह है कि स्कूल में सीडी बनवाने के लिए फंड ही उपलब्ध नहीं है। जिसके चलते सीडी कैसे बने यह सवाल सभी शिक्षक उठा रहे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि इससे पहले अकाउंट नंबर खुलवाने के लिए प्रति विद्यार्थी की दर से 10-10 रुपए खर्च किए गए। इसके बाद से अब तक कभी आधार कार्ड डाटा को सीडी में डलवाकर देने के आदेश दिए जा रहे हैं तो कभी अन्य रिकॉर्ड को सीडी में मांगा जा रहा है। रोजाना सीडी पर होने वाले इन खर्चों से सभी शिक्षकों में रोष है। इतना ही नहीं सीडी बनवाने के आदेश मौखिक तौर पर ही शिक्षकों को दिए जा रहे हैं। लिखित में इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं हो रहा है।
स्कूल में नहीं है फंड :
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान विनोद चौहान ने कहा कि स्कूलों में फंड उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हर रोज शिक्षक सीडी कहां से बनवाकर दें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक रिकॉर्ड की सीडी में डिमांड करना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षकों से सभी रिकॉर्ड सीडी में ही लेने हैं तो इसके लिए स्कूलों में विशेष बजट भी दिए जाएं। ताकि शिक्षकों को पैसे अपनी जेब से ना खर्च करने पड़े। विनोद चौहान ने कहा कि एक बार तो शिक्षकों ने अपनी जेब से ही पैसे खर्च करके अकाउंट नंबर खुलवा दिए हैं। लेकिन रोजाना शिक्षकों की जेब ढीली करवाना पूरी तरह से अनुचित है।
जिले में 542 प्राइमरी स्कूल :
जिले में कुल 542 प्राइमरी स्कूल हैं। ऐसे में एक शिक्षक को पूरे स्कूल का डाटा तैयार करवाने में करीब 200 रुपए लगते हैं। ऐसे में कुल मिलाकर शिक्षकों को सीडी बनवाने का काम एक लाख रुपए से ऊपर में पड़ रहा है। शिक्षक संजय, धर्मवीर, पवन, कमल और मुकेश ने कहा कि अगर पूरा रिकॉर्ड सीडी में चाहिए तो इसका बजट अलाट किया जाए। ताकि शिक्षकों को अपनी जेब से पैसे ना भरने पड़े। शिक्षकों से बार-बार सीडी बनवाने के नाम पर पैसे खर्च करवाना पूरी तरह से अन्याय है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जबरन थोप रहे आदेश :
शिक्षकों ने कहा कि विभाग कई आदेशों को उनपर जबरन थोप रहा है। शिक्षकों ने बताया कि इससे पहले भी कई बार बजट की कमी को लेकर विभाग को शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है। रिकॉर्ड तैयार कराना जरूरी : जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने कहा कि रिकॉर्ड तैयार करवाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि जहां तक सीडी बनवाने के लिखित आदेशों की बात है कई बार मौखिक रूप से ही आदेश देने पड़ते हैं। ताकि काम को जल्द से जल्द कराया जा सके। सुमन आर्य ने कहा कि शिक्षक स्कूल में उपलब्ध अन्य फंड में से ही सीडी बनवाने के लिए फंड निकाला जा सकता है। जब उनसे कहा गया कि स्कूल में फंड ही उपलब्ध नहीं है। इसपर उन्होंने माना कि शिक्षकों को अपनी जेब से सीडी बनवानी पड़ रही हैं लेकिन जब तक विभाग इसके लिए बजट नहीं देता वे कुछ नहीं कर सकती। db
शिक्षकों का कहना है कि इससे पहले अकाउंट नंबर खुलवाने के लिए प्रति विद्यार्थी की दर से 10-10 रुपए खर्च किए गए। इसके बाद से अब तक कभी आधार कार्ड डाटा को सीडी में डलवाकर देने के आदेश दिए जा रहे हैं तो कभी अन्य रिकॉर्ड को सीडी में मांगा जा रहा है। रोजाना सीडी पर होने वाले इन खर्चों से सभी शिक्षकों में रोष है। इतना ही नहीं सीडी बनवाने के आदेश मौखिक तौर पर ही शिक्षकों को दिए जा रहे हैं। लिखित में इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं हो रहा है।
स्कूल में नहीं है फंड :
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान विनोद चौहान ने कहा कि स्कूलों में फंड उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हर रोज शिक्षक सीडी कहां से बनवाकर दें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक रिकॉर्ड की सीडी में डिमांड करना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षकों से सभी रिकॉर्ड सीडी में ही लेने हैं तो इसके लिए स्कूलों में विशेष बजट भी दिए जाएं। ताकि शिक्षकों को पैसे अपनी जेब से ना खर्च करने पड़े। विनोद चौहान ने कहा कि एक बार तो शिक्षकों ने अपनी जेब से ही पैसे खर्च करके अकाउंट नंबर खुलवा दिए हैं। लेकिन रोजाना शिक्षकों की जेब ढीली करवाना पूरी तरह से अनुचित है।
जिले में 542 प्राइमरी स्कूल :
जिले में कुल 542 प्राइमरी स्कूल हैं। ऐसे में एक शिक्षक को पूरे स्कूल का डाटा तैयार करवाने में करीब 200 रुपए लगते हैं। ऐसे में कुल मिलाकर शिक्षकों को सीडी बनवाने का काम एक लाख रुपए से ऊपर में पड़ रहा है। शिक्षक संजय, धर्मवीर, पवन, कमल और मुकेश ने कहा कि अगर पूरा रिकॉर्ड सीडी में चाहिए तो इसका बजट अलाट किया जाए। ताकि शिक्षकों को अपनी जेब से पैसे ना भरने पड़े। शिक्षकों से बार-बार सीडी बनवाने के नाम पर पैसे खर्च करवाना पूरी तरह से अन्याय है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जबरन थोप रहे आदेश :
शिक्षकों ने कहा कि विभाग कई आदेशों को उनपर जबरन थोप रहा है। शिक्षकों ने बताया कि इससे पहले भी कई बार बजट की कमी को लेकर विभाग को शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है। रिकॉर्ड तैयार कराना जरूरी : जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने कहा कि रिकॉर्ड तैयार करवाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि जहां तक सीडी बनवाने के लिखित आदेशों की बात है कई बार मौखिक रूप से ही आदेश देने पड़ते हैं। ताकि काम को जल्द से जल्द कराया जा सके। सुमन आर्य ने कहा कि शिक्षक स्कूल में उपलब्ध अन्य फंड में से ही सीडी बनवाने के लिए फंड निकाला जा सकता है। जब उनसे कहा गया कि स्कूल में फंड ही उपलब्ध नहीं है। इसपर उन्होंने माना कि शिक्षकों को अपनी जेब से सीडी बनवानी पड़ रही हैं लेकिन जब तक विभाग इसके लिए बजट नहीं देता वे कुछ नहीं कर सकती। db
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