पानीपत : सरकारी स्कूलों में मिड डे मील का फंड कम पड़ने लगा है। कारण यह कि ई पेमेंट सिस्टम लागू होने से बिल भुगतान में नई तरह की समस्या खड़ी हो गई है। गौरतलब है कि मिड डे मील व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए चेक भुगतान पर अंकुश लगाकर ई पेमेंट (ऑनलाइन) की प्रणाली शुरू की गई। ई पेमेंट से बेनिफिशियरी के अकाउंट में सीधे राशि पहुंचाने के आदेश दिए गए। इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट का सिस्टम सरकारी स्कूलों में पदस्थ डीडीओ के लिए जी का जंजाल बन गया। ट्रेजरी से बिल ड्रा न होने से स्कूलों में अब मिड डे मील फंड का संकट गहराने लगा है। विद्यालय में फुटकर सामान उपलब्ध कराने वालों को पेमेंट मिलना मुश्किल हो गया।
यूनिक आइडी से पेमेंट :
मिड डे मील तैयार करने के लिए सब्जी, दूध, दाल व मशाले की जरूरत पड़ती है। स्कूलों में इन सामानों की आपूर्ति करने वालों के खाते में सीधे पैसा जाएगा। 1यूनिक आइडी के बिना बेनिफिशयरी के खाते में राशि नहीं जाएगी। बेनिफिशयरी का आइडी तभी बनेगा जब उनका बैंक खाता व पैन नंबर होगा। लेकिन स्कूलों में फुटकर सामानों की आपूर्ति करने वालों के पास कोई पैन नंबर व बैंक खाता उपलब्ध नहीं है। प्रत्येक जिले में ट्रेजरी से बिल ड्रॉ की समस्या उत्पन्न होने लगी है। dj
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