पानीपत : लेक्चरर द्वारा उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बहिष्कार की चेतावनी के बाद अब शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अपना लिया है। उसने मूल्यांकन का बहिष्कार करने वाले 92 सौ लेक्चररों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। उधर, लेक्चररों ने किसी और बोर्ड अथवा शैक्षणिक संस्था के शिक्षकों को मूल्यांकन केंद्र तक फटकने नहीं देने की चेतावनी दी है। बृहस्पतिवार से प्रदेशभर में बारहवीं उत्तर पुस्तिका मार्किंग शुरू होनी थी लेकिन सभी मार्किंग केंद्रों पर ताले लटके हुए मिले। लेक्चरर स्कूलों में तो नजर आए लेकिन केंद्र नहीं पहुंचे। झज्जर, बहादुरगढ़, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, करनाल, रोहतक, यमुनानगर और पानीपत में मूल्यांकन का काम नहीं हुआ। रोहतक में जिलेभर के प्राध्यापक बुधवार को जाट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एकत्रित हुए और मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर नारेबाजी की। करनाल में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय परिसर में एकत्रित हुए और नारेबाजी की।
दो साल बाद आई नौबत :
वर्ष 2011 में भी लेक्चररों ने उत्तर पुस्तिका मार्किंग का बहिष्कार किया था। हरियाणा स्कूल लेक्चर्स एसोसिएशन की बीते मंगलवार को हुई बैठक में बहिष्कार के फैसले पर लेक्चररों ने मोहर लगाई थी।
ये हैं मुख्य मांगें:
स्कूल प्राध्यापकों को 54 सौ ग्रेड पे दिया जाए। प्राचार्य पदोन्नत को न्याय संगत बनाया जाए। ल्ल योग्य लेक्चरर का कॉलेज कैडर में प्रमोशन किया जाए। ल्ल स्कूल लेक्चरर का पदनाम लेक्चरर रखा जाए। dj
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