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Friday, 8 November 2013

हरियाणा : टाइपिस्ट, दफ्तर सहायक, कंप्यूटर आपरेटर अब कहलाएंगे क्लर्क

** हरियाणा सरकार ने ऐसे सभी पदों का नाम क्लर्क किया  
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने सभी सरकारी विभागों में ‘क्लर्क एवं कंप्यूटर आपरेटर’, ‘ऑफिस एसोसिएटस’, ‘क्लर्क एवं डाटा एंट्री आपरेटर’,‘डाटा एंट्री आपरेटर’ और ‘क्लर्क एवं टाइपिस्ट’ पदों के नाम लिपिक (क्लर्क) के रूप में प्रयोग होंगे। मुख्य सचिव ने अधिसूचना जारी कर दी है। लिपिकों और आशुलिपिकों के लिए ‘बेसिक कंप्यूटर शिक्षा’ को आवश्यक शैक्षणिक योग्यता के रूप में उनके सेवा नियमों में शामिल किया जाएगा।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा सरकार ने लिपिकों एवं आशुलिपिकों के लिए ‘बेसिक कंप्यूटर शिक्षा’ को आवश्यक शैक्षणिक योग्यता निर्धारित करने और लिपिकों, आशुटंककाें एवं आशुलिपिकों के पदों पर सीधी नियुक्ति के साथ-साथ ग्रुप-डी से लिपिक और रिस्टोरर के पद पर पदोन्नति के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को मैट्रिक से बढ़ाकर 12वीं करने का फैसला किया है। पांच विभागों हरियाणा सिविल सचिवालय, हरियाणा विधानसभा, हरियाणा विधि एवं विधायी, हरियाणा वित्तायुक्त राजस्व तथा आपदा प्रबंधन और हरियाणा लोक सेवा आयोग और अन्य विभागों में जहां लिपिकों, आशुटंककों, कनिष्ठ आशुलिपिकों एवं वरिष्ठ आशुलिपिकों अधिक वेतनमान, विशेष वेतन, ग्रेड पे ले रहे हैं उनकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता प्रथम डिविजन के साथ 12वीं या इससे अधिक जैसा भी मामला हो।
इन पदों के लिए ‘टाइप टेस्ट’ के स्थान पर कंप्यूटर एप्रिसिएशन एवं एप्लीकेशन में राज्य पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया है।सब नवनियुक्त या भर्ती लिपिकों, आशुटंककों, कनिष्ठ आशुलिपिकों एवं वरिष्ठ आशुलिपिकों को सरकारी विभागों या संगठनों में कंप्यूटर एप्रिसिएशन एवं एप्लीकेशन में राज्य पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। वर्तमान लिपिक जिन्हें ग्रुप डी और रिस्टोरर से पदोन्नत किए गए हैं और टाइप टेस्ट पास नहीं किया है उन्हें विकल्प दिया जाएगा। आशुटंककों, कनिष्ठ आशुलिपिकों एवं वरिष्ठ आशुलिपिकों को संबंधित विभाग के सेवा नियमों के अनुसार आशुलिपि परीक्षा भी पास करनी होगी।
•मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश, इन पदों के लिए 12वीं पास योग्य होंगे
दो साल पुराने रिक्त पद बहाल
वित्त विभाग ने दो साल पुराने पद बहाल कर दिए हैं। वित्त विभाग ने पत्र जारी कर दो साल पुराने रिक्त पदों को भरने के लिए वित्त विभाग से मंजूरी लेने के निर्देश दे रखे थे। चूंकि क्लर्कों समेत ग्रुप सी और ग्रुप डी के 65000 पदों पर भर्ती की जानी है इसलिए एक-एक पद की मंजूरी लेने में समय लग सकता था। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भर्ती में हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी। इसलिए वित्त विभाग ने पत्र जारी कर पद बहाल कर दिए हैं।     au

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