हिसार : सरकारी स्कूलों के छात्रों को भविष्य में अपने आसपास के भौगोलिक परिस्थिति की सटीक जानकारी मिल सकेगी। हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण देगा। ये प्रशिक्षित शिक्षक आगे स्कूलों में छात्रों को इस बारे में जानकारी देंगे। 18 नवंबर से जियोइंफॉर्मेटिक्स के प्रयोग पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वह सेटेलाइट डेटा का सही इस्तेमाल कर सके। इस कार्यक्रम में हर जिले के दो दो शिक्षकों को शामिल किया जाएगा।
हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर शिक्षकों के लिए जियोइंफॉर्मेटिक्स और प्रयोग विषय एक वर्कशॉप का आयोजन करने जा रहा है। इसमें प्रदेश के हर जिले से दो शिक्षकों को शामिल किया जाएगा, जिसमें एक शिक्षक जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान(डाइट) से होगा। 18 से 22 नवंबर तक इस वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। हरसैक के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वीएस आर्या ने बताया कि हरसैक के प्रशिक्षण में प्रदेश भर से 35 शिक्षक हिस्सा लेंगे। इस दौरान शिक्षकों को जीआईएस, रिमोट सेंसिंग और जीपीएस तकनीक के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। तकनीक का बेहतर प्रयोग शिक्षक छात्रों को अच्छी तरह से इस विषय के बारे में समझा सकेंगे।
प्रशिक्षण लेने के बाद शिक्षक आसानी से भौगोलिक परिस्थितियों का पता लगा सकेंगे। शिक्षक स्कूल के आसपास पानी का स्तर, पानी की गुणवत्ता, मौसम, स्कूल की समुद्र तल से ऊंचाई समेत तमाम जानकारी इंटरनेट से ले सकेंगे। शिक्षक स्कूल की सही मैपिंग भी कर सकेंगे। सेटेलाइट की जानकारी होने से ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के जरिये गांव से स्कूल व स्कूल से स्कूल की दूरी सहित अन्य जानकारी ले सकेंगे और यदि कमी होगी, तो उसे दूर कर सकेंगे। db
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