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Wednesday, 6 November 2013

छात्राओं की नियमित होगी स्वास्थ्य जांच, बनेगा हेल्थ कार्ड


फरीदाबाद : बदलती लाइफ स्टाइल व बिगड़ते खानपान की वजह से जिले की महिलाएं तेजी से एनीमिया की चपेट में आ रही हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एनीमिया बचाओ अभियान शुरू किया है। इसके प्रथम चरण में कालेज टारगेट किए गए हैं। इसके तहत छात्राओं की नियमित स्वास्थ्य जांच कर उनका हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाया जाएगा। उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए एनीमिया के प्रति जागरूक किया जाएगा। अभियान के तहत नवंबर में दो कॉलेज में यूथ फेस्ट भी चलाया जाएगा। इसमें कालेज छात्राओं की हेल्थ जांच होगी। उन्हें एनीमिया से बचाने के लिए स्वस्थ दिनचर्या व खानपान के प्रति जागरूक किया जाएग।
क्यों उठाया कदम
स्कूल हेल्थ प्रोग्राम के तहत किए गए सर्वे में विभाग के सामने आया कि बड़ी संख्या में स्कूल व कालेज की छात्राएं एनीमिया से जूझ रही हैं। इसको लेकर वे जागरूक नहीं है। इससे ये मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में विभाग ने इन्हें जागरूक करने का निर्णय लिया है। इसके तहत स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ उन्हें जागरूक भी किया जाएगा। इस अभियान के तहत 14 व 15 नवंबर को सेक्टर-16ए स्थित पंडित जवाहर लाल नेहरू कॉलेज में व 19 व 20 नवंबर को राजकीय महिला महाविद्यालय में यूथ फेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। इसमें स्टूडेंट्स को एनीमिया से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके तहत अलावा अलग-अलग तरह की प्रतियोगिताएं भी होंगी। जांच के बाद जिन गल्र्स स्टूडेंट्स में हीमोग्लोबिन कम पाया गया, उनका कार्ड बनाया जाएगा।
क्या है इसके कारण : 
शरीर में फोलिक एसिड, आयरन व विटामिन बी-12 की कमी से एनीमिया रोग हो जाता है। इस रोग में शरीर से रेड ब्लड सेल्स का लेवल सामान्य से कम हो जाता है। इस कारण रोगी हमेशा थका हुआ महसूस करता है। इससे कार्यक्षमता प्रभावित होती है। एनीमिया में रोगी को अधिक से अधिक आयरनयुक्त आहार लेने की सलाह दी जाती है। इससे खून की कमी को जल्द पूरा किया जाता है। बढ़ते बच्चों, स्तनपान कराने वाली महिलाओं व बीमार लोगों में एनीमिया का खतरा अधिक रहता है।
करेंगे छात्राओं को जागरूक : 
स्कूल हेल्थ विभाग की काउंसलर डॉ. वंदना के अनुसार एनीमिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बदलती लाइफ स्टाइल व बिगड़ते खानपान की वजह से तेजी से एनीमिया की चपेट में आ रही हैं जिले की महिलाएं 
काफी बड़ी संख्या में छात्राएं बदलती लाइफ स्टाइल व खानपान के कारण एनीमिया से ग्रस्त हो रही है। इन मामलों में कमी लाने के लिए विभाग की ओर से एनीमिया बचाओ अभियान की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत स्टूडेंट्स की जांच भी की जाएगी। उन्हें जागरूक किया जाएगा। कॉलेज स्टूडेंट्स खुद भी बीके अस्पताल में जांच के लिए आ सकते हैं। इस संबंध में कालेज प्रशासन को भी लेटर लिखा गया है। जिससे वह स्टूडेंट्स की उपस्थिति का ध्यान रखें।
ये है लक्षण
शुरुआत में शरीर में खून की कमी होने पर कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन जैसे-जैसे यह कमी बढ़ती जाती है। इसके लक्षण भी बढऩे लगते हैं।
-कमजोरी व थकावट महसूस होना।
-चक्कर आना।
-लेट के उठने पर आंखों के सामने अंधेरा छा जाना।
-सिर दर्द रहना।
-हृदय की धड़कन तेज व असामान्य होना।
-त्वचा व नाखून का पीला होना।
-हाथ और पैरों का ठंडा होना।
-आंखें पीली हो जाना।
-सांस फूलना
-छाती में दर्द होना।
-महिलाओं में मासिक धर्म कम होना।
कैसे निजात पाएं
-खानें में आयरन के साथ विटामिन-सी को भी तरजीह दें। यह शरीर में आयरन सोखने में मदद करता है। इसलिए आंवले-पुदीने की चटनी खाएं। साग या सलाद पर नींबू का रस जरूर डालें।
-नियमित रूप से संतरे का जूस पिएं। नाश्ते में अंडे व टोस्ट को शामिल करें।
-स्नेक्स में भुने चने व गुड़ खाएं।
-चाय, काफी व कोल्डड्रिंक से दूर रहें। इनकों खाने से शरीर में आयरन की कमी होती है।
-हरी सब्जी, बिना पालिश किए चावल, साबूत अनाज, नट्स और अंगूर को अपने खाने में शामिल करें।     db






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