करनाल : परमिशन है पर मान्यता नहीं, जिले के ऐसे 56 स्कूल भी शिक्षा निदेशालय के निशाने पर हैं। इन स्कूलों ने एक साल की मोहलत पाई थी, जो मार्च 2014 में खत्म होने वाली है। अगर इस अवधि में इन स्कूलों ने मान्यता के नॉर्म पूरे नहीं किए तो बैगर परमिशन प्राप्त स्कूलों जैसी कार्रवाई इन स्कूलों पर हो सकती है।
प्रदेश में बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिए शिक्षा विभाग ने कड़ा रूख अपनाया हुआ है। इसी कड़ी में उन स्कूलों को बंद किया जा रहा है, जिनके पास मान्यता के साथ-साथ परमिशन भी नहीं है। निदेशालय ने जिले के ऐसे 23 स्कूलों को बंद करने के सख्त आदेश जारी किए हैं। इसी सप्ताह यह सभी स्कूल बंद किए जाने हैं। सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने ब्लॉक में आने वाले इन स्कूलों को बंद कराने के लिए जिम्मेदारी डीईओ की तरफ से लगाई गई है। इसी कड़ी में शिक्षा निदेशालय की निगाहें अब उन स्कूलों पर हैं जो स्कूल संचालित करने के नॉर्म पूरे किए बिना परमिशन के आधार पर स्कूल चला रहे हैं।
मान्यता को स्कूल नहीं कर रहे गौर :
बिना मान्यता वाले 56 स्कूलों में से अभी तक एक दर्जन से अधिक स्कूलों ने ही मान्यता हासिल करने पर गौर किया है। इन स्कूलों ने नॉर्म पूरे करने के लिए कुछेक कागजात जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कराएंगे। लेकिन शेष स्कूलों ने फिलहाल इस पर जरा भी ध्यान नहीं दिया है।
मान्यता के लिए मार्च तक का समय :
परमिशन प्राप्त इन स्कूलों के पास मान्यता के लिए नॉर्म पूरा करने का समय मार्च तक का है। अगर यह स्कूल निर्धारित अवधि में मान्यता के लिए आवश्यक शर्तें पूरी नहीं करते हैं तो इन स्कूलों के खिलाफ भी तालबंदी जैसी कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
नियमों में बरते ढिलाई
फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल हरियाणा के प्रांतीय महासचिव सुशील शर्मा ने कहा कि सरकार समय तो दे देती है जब तक नियमों में ढील नहीं दी जाएगी तब तक ये स्कूल मान्यता हासिल नहीं कर पाएंगे। तभी तो मोहलत समय ऐसे ही बीत जाता है। नियमों में ढील देने से अधिकतर स्कूल मान्यता हासिल कर लेंगे। कोई भी स्कूल बंद नहीं होना चाहिए। यह कोई आपराधिक कार्य नहीं है। शिक्षा के मंदिरों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। जगह के अनुसार पांचवीं, आठवीं स्तर की मान्यता दी जाए।
"मान्यता के लिए जो स्कूल नॉर्म पूरे करेंगे उनके केस निदेशालय को भेज दिए जाएंगे। स्कूलों को समय रहते अपने नॉर्म पूर कर लेने चाहिए। ताकि भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।"-- आशा मुंजाल, डीईओ करनाल
इन स्कूलों के लिए ये हैं नॉर्म
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