** अब उम्मीदवारों को एससीईआरटी कैंपस जाना पड़ेगा, दाखिले के लिए पहले हुई थी ऑनलाइन काउंसिलिंग
हिसार : पांच काउंसिलिंग के बावजूद डिप्लोमा इन एजुकेशन(डीएड) कॉलेजों में 2100 से ज्यादा सीटें खाली पड़ी हैं। खाली सीटों पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) काउंसिलिंग तो कराएगा, मगर अब यह ऑनलाइन के बजाय मैनुअल होगी। एससीईआरटी के अधिकारियों के मुताबिक अब उम्मीदवारों को काउंसिलिंग के लिए एससीईआरटी कैंपस आना पड़ेगा। संभावना यह जताई जा रही है कि अगले सप्ताह यह काउंसिलिंग कराई जाए।
शिक्षा विभाग ने डीएड कॉलेजों में दाखिले के लिए पहली बार ऑनलाइन काउंसिलिंग आयोजित की। इससे पहले काउंसिलिंग मैनुअल ही होती रही। इस बार विभाग को प्रदेश के डीएड कॉलेजों की 20 हजार सीटों को भरने के लिए पांच बार काउंसिलिंग करानी पड़ी। मगर इसके बावजूद हजारों सीटें खाली बची हैं।
"फिलहाल प्रदेश के डीएड कॉलेजों में 2100 से ज्यादा सीटें खाली हैं। इनके लिए अब मैनुअल काउंसिलिंग ही कराई जाएगी। उम्मीद है कि अगले हफ्ते से यह काउंसिलिंग शुरू कर दी जाए।"--अशोक यादव, डीएड कोआर्डिनेटर, एससीईआरटी, गुडग़ांव
सीटें खाली रहने की वजह
अधिकारियों के मुताबिक ज्यादातर उम्मीदवार अपने घरों के आसपास के कॉलेजों में ही दाखिला लेना चाहते हैं, मगर फिलहाल जो सीटें रिक्त पड़ी हैं, वह उन कॉलेजों की है, जो दूर दराज के क्षेत्रों में हैं। साथ ही अब इस डिप्लोमा की अवधि दो के बजाय तीन साल की हो चुकी है। इसके बाद भी छात्रों को पात्रता परीक्षा पास करनी पड़ती है। एक कारण यह भी है कि छात्रों को इस तरफ रुझान कम हुआ है। इसके अलावा काफी संख्या में उम्मीदवारों को इंटरनेट की जानकारी न होना भी इसकी एक वजह हो सकती है। अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में 20 हजार सीटों के लिए 76 हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए थे।
यहां इतनी सीटें हैं खाली
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