** हर हाल में स्कूल पहुंचाने का उददेश्य
गुड़गांव : सरकारी स्कूलों से विद्यार्थियों को जोड़ने का काम शुरू हो गया है। इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि कोई भी बच्चा ड्रॉपआउट न रह जाए व प्राथमिक शिक्षा हर बच्चे को नसीब हो। इसके लिए सरकार व शिक्षा विभाग ने कई योजनाएं भी बनाई है लेकिन शिक्षा का समुचित लाभ क्या विद्यार्थियों को मिल रहा है? क्या सभी को शिक्षित करने का उद्देश्य सतही स्तर पर पूरा हो पा रहा है? क्या विद्यार्थी केवल मिड डे मील की लालच में स्कूल जा रहा है या फिर उसे पढ़ाई रोचक लगने लगी है? कितने विद्यार्थी शिक्षा में बेहतर कर रहे हैं? इन सभी सवालों के जवाब पाने के लिए शिक्षा विभाग के निर्देशों पर राज्य शैक्षणिक अनुसंधान व प्रशिक्षण संस्थान (एससीईआरटी) ने एक सर्वेक्षण शुरू किया है। इस सर्वेक्षण के माध्यम से पता लगाया जाएगा कि विद्यार्थियों को किस प्रकार की शिक्षा मिल रही है व उस शिक्षा को वे कितना ग्रहण कर पा रहे हैं।
सरकार व एससीईआरटी के लिए सर्वेक्षण के काम के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार कर लिए गए हैं जो कि अपने अपने जिलों में शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर उनसे विद्यार्थियों की प्रतिभा का आंकलन करवाएंगे। मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा हो चुका है। हाल ही में डाइट व एससीईआरटी में तीन सौ के करीब मास्टर ट्रेनर इस काम के लिए तैयार किए गए हैं। इस बारे में बताते हुए एससीईआरटी की निदेशक स्नेहलता ने कहा कि यह सर्वे फील्ड इंवेस्टीगेटर्स करेंगे व इसकी रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाएगी। यह सर्वेक्षण तीसरी से पांचवी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए है। 25 मार्च से दो दिवसीय सर्वेक्षण तीसरी कक्षा के लिए चलाया जाएगा व फिर 27 मार्च से 28 मार्च तक दो दिवसीय सर्वेक्षण कार्यक्रम पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए करवाया जाएगा।
स्टेट लेवल अचीवमेंट सर्वे का आयोजन 25 से 28 मार्च तक चलाया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विभिन्न जिलों के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार कर लिए गए हैं जो आगे फील्ड इंवेस्टीगेटर तैयार कर रहे हैं व वे फिर विद्यार्थियों की प्रतिभा का का आंकलन करेंगे कि क्या विद्यार्थी पाठ्यक्रम की बातों को समझ पा रहे हैं या नहीं। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.